नयी दिल्ली(आससे)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नये स्टार्टअप को विकसित करने में मदद करने के लिए एक हजार करोड़ रुपए के कोष की घोषणा की है। इसे स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड का नाम दिया गया है। आज यहां स्टार्टअप इंडिया इंटरनेशनल सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि पहले अगर कोई युवा स्टार्टअप शुरू करता था तो लोग कहते कि तुम नौकरी क्यों नहीं करते। स्टार्टअप क्यों? लेकिन अब लोग कहते हैं कि नौकरी ठीक है परन्तु स्टार्टअप क्यों नहीं शुरू करते। ये बदलाव बिम्सटेक देशों की बहुत बड़ी ताकत है। इस दौरान पीएम ने प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये समय की मांग है कि भविष्य की टेक्नोलॉजी एशिया की लैब से निकले। भविष्य के उद्यमी हमारे यहां तैयार हों। इसके लिए एशिया के उन देशों को आगे आकर जिम्मेदारी लेनी होगी जो एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर सकते हैं, एक दूसरे के लिए काम कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आज 41 हजार से ज्यादा स्टार्टअप्स हमारे देश में किसी ना किसी अभियान में लगे हुए हैं। इनमें से 5,700 से ज्यादा आईटी सेक्टर में हैं, 3,600 से ज्यादा हेल्थ सेक्टर में बनें हैं। 1,700 स्टार्टअप्स कृषि क्षेत्र में आये हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया मूवमेंट अपने सफल पांच साल पूरे कर रहा है। आज ही भारत ने कोरोना के खिलाफ ऐतिहासिक सबसे बड़ी वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू की है। ये दिन हमारे वैज्ञानिकों, युवाओं और हमारे उधमियों की क्षमताओं और हमारे डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों के परिश्रम और सेवाभाव का साक्षी है। मालूम हो कि दो दिन का स्टार्ट-अप इंडिया इंटरनेशनल सम्मेलन आज से नई दिल्ली में शुरू हुआ। उद्घाटन समारोह में बिमस्टेक देशों के सदस्यों ने भाग लिया। आंतरिक व्यापार और उद्योग संवद्र्धन विभाग ने इस शिखर सम्मेलन का आयोजन किया है।
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