हैदराबाद(एजेंसी)। देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान शनिवार सुबह से शुरू हो गया। कांग्रेस द्वारा वैक्सीन पर सवाल खड़े किए जाने के बीच भारत बायोटेक ने बड़ा ऐलान किया। कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक का कहना है कि यदि इससे साइड इफेक्ट होता है तो फिर मुआवजा मिलेगा। भारत बायोटेक से केंद्र सरकार ने 55 लाख खुराकें अभी खरीदी हैं और शनिवार से शुरू हुए टीकाकरण में उसका इस्तेमाल भी हो रहा है। टीका लगवाने वाले लोगों द्वारा जिस फॉर्म पर हस्ताक्षर किए जा हैं, उस पर भारत बायोटेक ने कहा है, किसी प्रतिकूल या गंभीर प्रतिकूल प्रभाव की स्थिति में आपको सरकारी और अधिकृत केंद्रों और अस्पतालों में मान्यताप्राप्त देखभाल दी जाएगी। सहमति पत्र के अनुसार, अगर टीके से गंभीर साइड इफेक्ट होने की बात साबित होती है तो मुआवजा बीबीआईएल द्वारा दिया जाएगा। बता दें कि कोवैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण में कोविड-19 के खिलाफ एंटीडोट विकसित होने की पुष्टि हुई है। टीका निर्माता कंपनी के मुताबिक, टीके के क्लिनिकल रूप से प्रभावी होने का तथ्य अभी अंतिम रूप से स्थापित नहीं हो पाया है तथा इसके फेज के क्लिनिकल ट्रायल में स्टडी की जा रही है। इसमें कहा गया है, इसलिए यह जान लेना आवश्यक है कि टीका लगाने का मतलब यह नहीं है कि कोविड-19 संबंधी अन्य सावधानियों को नहीं बरता जाए। इस क्षेत्र के एक विशेषज्ञ के मुताबिक चूंकि टीका अभी क्लिनिकल ट्रायल के चरण में ही है इसलिए यदि किसी को गंभीर दुष्प्रभाव होते हैं तो मुआवजा देना कंपनी की जिम्मेदारी बनती है। वहीं, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एल्ला ने ट्वीट किया कि कोवैक्सीन और भारत बायोटेक, देश और कोरोना योद्धाओं की सेवा करके सम्मानित और कृतज्ञ महसूस कर रहे हैं। देश में दो कंपनियों के टीकों को पिछले दिनों मंजूरी दी गई थी। डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है। भारत में आज से शुरू हुए कोरोना टीकाकरण में हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाया जा रहा है। आज तीन लाख हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाया जाना है। दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है। वहीं, बुजुर्ग लोगों का टीकाकरण हो जाने के बाद देश के अन्य लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कोरोना टीकाकरण पर सवाल खड़े किए। उन्होंने भारत बायोटेक के टीके पर कहा कि कई प्रख्यात डॉक्टरों ने सरकार के सामने कोवैक्सीन के प्रभावी और सुरक्षा के संबंध में सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि वे नहीं चुन सकेंगे कि उन्हें कौन सी वैक्सीन लेनी है। यह सहमति के पूरे सिद्धांत के खिलाफ जाता है। तिवारी ने आगे कहा कि कोवैक्सीन की अलग ही कहानी है। उसे उचित प्रक्रिया के बिना मंजूरी दी गई है।
Related Articles
Parliament Session: गौतम अदाणी के मुद्दे पर विपक्षी MPs का मार्च, खरगे बोले- लोकतंत्र खत्म करने की कोशिश
Post Views: 225 नई दिल्ली, । संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही के दौरान शुक्रवार को भी लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित भी करना पड़ा। भाजपा नेता राहुल गांधी से लंदन में दिए बयान को लेकर माफी की मांग कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस […]
आबकारी नीति मामला: दिल्ली की अदालत ने ईडी की चार्जशीट पर बहस के लिए 24 अप्रैल की तारीख तय की
Post Views: 210 नई दिल्ली, । दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय की दूसरी पूरक चार्जशीट (अभियोजन शिकायत) पर बहस के बिंदु के लिए 24 अप्रैल की तारीख दी है। चार्शीट में आबकारी नीति मामले में तीन व्यक्तियों और पांच संबंधित फर्मों के नाम शामिल हैं। विशेष […]
Navneet Rana Bail: राणा दंपती को बड़ी राहत, मुंबई सत्र न्यायालय ने दी सशर्त जमानत
Post Views: 406 मुंबई, । हनुमान चालीसा विवाद को लेकर मुंबई सत्र न्यायालय (Mumbai Sessions Court) आज सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) और उनके पति विधायक रवि राणा (Ravi Rana) की जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए शर्तो के साथ जमानत पर रिहा करने की अनुमति दे दी है। नवनीत राणा के वकील रिजवान मर्चेंट के […]