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धर्मांतरण केस खुलासा: केंद्र के महिला-बाल कल्याण विभाग का अधिकारी करता था आरोपियों की मदद


यूपी एटीएस ने सोमवार को दो लोगों को गिरफ्तार करके सनसनीखेज खुलासा किया था कि मूक और बघिर लोगों समेत पिछड़े और गरीब लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. इस मामले मे गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के दौरान अहम खुलासे हो रहे हैं.

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के धर्म परिवर्तन कांड में बडा खुलासा हुआ है. जांच एजेंसियों को पता चला है कि केंद्र सरकार के बाल औऱ महिला कल्याण विभाग का एक अधिकारी भी आरोपियो की मदद करता था. जांच एजेंसियों को अब तक की जांच के दौरान विदेशो से फंडिग के सबूत मिले है. साथ ही इस मामले मे दूसरे संगठन की भूमिका की भी जांच की जा रही है. यह संगठन भी दिल्ली में ही है और इसके प्रमुख को कन्वर्जन का खलीफा के नाम से जाना जाता है.

गरीब जरूरतमंद लोगों की लिस्ट बनाकर आरोपियों को देता था अधिकारी
यूपी एटीएस ने सोमवार को दो लोगों को गिरफ्तार करके सनसनीखेज खुलासा किया था कि मूक और बघिर लोगों समेत पिछड़े और गरीब लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. इस मामले मे गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के दौरान अहम खुलासे हो रहे हैं. जांच एजेंसियो को पता चला है कि इस साजिश में केंद्र सरकार के बाल महिला कल्याण का एक अधिकारी भी शामिल है और यह अधिकारी मंत्रालय में आने वाले गरीब जरूरतमंद लोगों की लिस्ट बनाकर आरोपियों को देता था कि इनमें कौनसे लोग आसानी से उनके जाल में फंस सकते है.

जांच से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया कि अब जांच एजेंसियां इस अधिकारी से पूछताछ की तैयारी कर रही है कि यह अधिकारी इन लोगों की मदद पैसे लेकर करता था या फिर वो भी इस रैकेट का हिस्सा था, क्योंकि यह अधिकारी भी पहले हिंदू था जो इस मामले में गिरफ्तार आरोपी उमर गौतम की तरह बाद में धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बन गया था.
मामले में हो रही थी विदेशी फंडिग

सूत्रों ने बताया कि इस मामले में जांच एजेंसियों को कुछ अहम सबूत हाथ लगे हैं, जो साफ तौर पर विदेशी फंडिग को साबित करते हैं ऐसा ही एक अहम सबूत जो बताता है कि गिरफ्तार उमर गौतम के संगठन इस्लामिक दावाह सेंटर को खाड़ी देश दोहा कतर से पचास हजार रुपये का डोनेशन मिला है और यह डोनेशन मिसिज अफरीन साहिबा ने दिया है.
सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों के पास ऐसे अनेको दस्तावेज हैंस जिनमे देश विदेश से आए डोनेशन की जानकारी है. इस बात की भी जांच की जा रही है कि इनमें कितना डोनेशन संदेहास्पद है. यानि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर डोनेशन दिया गया हो. जांच एजेंसियां इस मामले मे ईडी और आयकर विभाग की भी मदद लेने जा रही हैं.