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कांग्रेस के सुझावों को गंभीरता से लेकर जरूरी कदम उठाए सरकार- सोनिया गांधी की प्रस्तावना


कोरोना महामारी सदी में एक बार आने वाला ऐसा स्वास्थ्य संकट साबित हुई है जिसने दुनिया भर में अकल्पनीय स्थितियां पैदा की हैं। भारत अभी भी कोरोना दूसरी और सबसे घातक लहर के प्रभाव से जूझ रहा है। यह महामारी तब तक देश के लोगों को प्रभावित करती रहेगी जब तक देश के सभी 18 वर्ष और अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन नहीं दे दिया जाता और लोग उत्साहपूर्वक कोविड नियमों का पालन नहीं करते।

यह जरूरी है कि एक देश के नाते हम आज की स्थिति और भविष्य में आने वाली संभावित कोरोना लहरों से निपटने और जूझने के लिए अपने पास मौजूद संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल की तैयारी अभी से करें। कांग्रेस पार्टी इस असाधारण चुनौती से निपटने के लिए भारत सरकार के साथ काम करने को लेकर कृतसंकल्प है।

सहयोग की इसी भावना और मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभाते हुए कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार से संपर्क और संवाद करती रही है और सुझाव देती रही है कि इस महामारी से कैसे निपटा जा सकता है। संकट के समय में कांग्रेस पार्टी के सदस्य जरूरतमंद लोगों की मदद करने में अग्रणी रहे हैं।

इस घोर संकट के समय सरकार का कर्तव्य है वह कोविड महामारी को लेकर किए गए अपने सभी नीतिगत निर्णयों से देश के लोगों को अवगत कराए। कांग्रेस कार्यसमिति की पिछली बैठक में तय किया गया था कि इस महामारी के दौर में केंद्र के नीतिगत फैसलों की समीक्षा होना समय की मांग है। इस आंकलन से कोविड महामारी से निपटने में हुई चूक और गलतियों को सुधारा जा सकता है।