लखनऊ। कोरोना संक्रमण के चलते लम्बित चल रही मुकदमों की सुनवाई के बीच पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के मामले में भी कार्यवाही के लिए चार फरवरी की पेशी नियत कर दी गई। इस बीच सांसद विधायक न्यायालय के विशेष दंडाधिकारी योगेश यादव ने कार्यालय से उच्च न्यायालय में दायर याचिका की अद्यतन स्थिति पता करने के आदेश दिए हैं।
देवी देवताओं के विरुद्ध 2014 में अभद्र टिप्पणी करने के मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ यहां के अधिवक्ता ने परिवाद दायर कर रखा है। इसमें तत्कालीन मजिस्ट्रेट ने धार्मिक भावना भड़काने का केस चलाने का आदेश दिया है। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने जिला जज की अदालत में रिवीजन दायर किया था, जो निरस्त हो गया था। तभी उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया गया था। उन्होंने उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर की थी, जिसमे विचारण पर रोक लगाते हुए उनके हाजिर होने पर छूट दी गई थी।
मामले की पेशी चल रही थी कि उच्चतम न्यायालय ने एक आदेश पारित किया, जिसमें एमपी एमएलए के मुकदमो में छह महीने से ज्यादा समय वाले स्थगनादेश निष्प्रभावी कर दिए गए। इसी को आधार मान कर पिछली पेशी पर गिरफ्तारी का आदेश हुआ, लेकिन कोरोना काल की वजह से वारंट नहीं जारी किया गया। उसी दिन बाद में दंडाधिकारी यादव ने हाईकोर्ट की याचिका की स्थिति तक कोई प्रक्रिया न कराने को कहा था।