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नवीन पटनायक का ‘तूफान मॉडल’ असरदार रहा, हर चक्रवात से सीख रहा है ओडिशा


  • भुवनेश्वर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शुक्रवार को तूफान यास के चलते तबाही का सामने करने वाले ओडिशा (Odisha) का जायजा लेने पहुंचे थे. उन्होंने इस दौरान राज्य की मदद की बात कही, लेकिन साथ में मौजूद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) की बात ने उन्हें हैरत में डाल दिया. दरअसल, पटनायक ने पीएम मोदी से कहा कि वे केंद्र की तरफ से कोई तत्काल आर्थिक मदद की राह नहीं देख रहे हैं. वे खुद अपने दम पर ही हालात को संभाल लेंगे. हालांकि, इस दौरान उन्होंने लंबे समय के उपाय के लिए जरूर केंद्र से मदद की बात कही है.

पटनायक ने कहा, ‘हम महामारी के दौरान आप पर बोझ नहीं डालना चाहते, लेकिन हम ओडिशा को बेहतर बनाने के लिए कुछ दीर्घकालिक उपायों के लिए मदद चाहते हैं.’ कहा जा रहा है कि सीएम की तरफ से बताए गए लंबे समय के उपायों ने भी पीएम मोदी को खासा प्रभावित किया है. हर तूफान से सीखना और आगे के लिए रणनीतियों को और सटीक बनाना ओडिशा की नीतियों में शुमार है.

ओडिशा के लिए नई बात नहीं है तूफान

ओडिशा के लिए तूफान कोई नई बात नहीं है. फोन पर न्यूज18 को दिए एक इंटरव्यू में ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने बताया, ‘यास पिछले 20 वर्षों में ओडिशा से टकराने वाला आठवां बड़ा तूफान है और पिछले 30 महीनों में यह पांचवां चक्रवात है. 2018 में हमने तितली का सामना किया, 2019 में फानी और बुलबुल आए और 2020 में हमारे यहां अम्फान पहुंचा था. पिछले 24 महीनों में, फानी और अम्फान के बाद यास तीसरा समर साइक्लोन है.जेना कहते हैं कि ओडिशा के पास मानसून चक्रवातों को जानने की अच्छी समझ है. राज्य जानता है कि इनका सामना कैसे करना है. उन्होंने कहा, ‘2019 में ग्रीष्मकालीन चक्रवात फानी कुछ ऐसा था, जिसका राज्य 50-60 सालों बाद गवाह बना था. हमने फानी से बहुत कुछ सीखा क्योंकि इसे संभालना मुश्किल था. हम हर चक्रवात और अपनी गलतियों से सीखते हैं. हम बहुत खुले विचारों के हैं और हम अगले साल की योजना और क्षमता विकास कार्यक्रम में इन चीजों को शामिल करने की कोशिश करते हैं. हम लगातार सीखते हैं.’

उन्होंने जानकारी दी कि हाल में आए चक्रवात में ओडिशा में तीन लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन इनमें दो लोग सलाह के बाद भी घरों से बाहर आए थे. जेना ने बताया कि किसी के भी घायल होने का मामला सामने नहीं आया है. अधिकारी बताते हैं कि राज्य यास से भी सीख रहा है. न्यूज18 से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि मानसून चक्रवात में बाढ़ स्वभाविक है, लेकिन समर साइक्लोन में हमने ऐसा नहीं सोचा था. हमने इस बार भी बाढ़ का सामना किया.’

उन्होंने बताया, ‘सिमलिपाल बायोस्पीयर में काफी ज्यादा बारिश हुई, जिससे बाढ़ के हालात तैयार हो गए. वहां भी बारिश को रिकॉर्ड करने वाले स्टेशन मौजूद नहीं थे. हमें स्थानीय सूत्रों से तेज बारिश का पता लगा और 4 घंटों के अंदर हमने लोगों को निकाल लिया और बुरे प्रभाव से बचने के लिए सैंड बैगिंग शुरू कर दी. दो अलग नदियों में भी हमने बाढ़ देखी.’ जेना ने कहा कि पीएम मोदी ने आज यहां का हवाई दौरा किया.

IMD की जानकारी के बाद भी लगाया खुद का अनुमान

जेना ने बताया कि इस बार भारतीय मौसम विभाग भी यास के लैंडफॉल की जगह और रास्ते को लेकर स्पष्ट नहीं था. उन्होंने कहा, ‘वे पारादीप और सागर द्वीप के बीच में कह रहे थे… हमने अलग-अलग मॉडल का अध्ययन किया. फिर हमने तैयारी की और सबसे संभावित रास्ता खोजा. IMD हमें सटीक जानकारी देता है, लेकिन इस बार हमने लगा कि चीजें गलत हो सकती हैं और IMD निश्चित जगह नहीं बता रहा है, तो हमने बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू की. हमने अनुमान लगाया कि यह पारादीप और दीघा के बीच होगा और हवा 150-160 की गति से चलेंगी और 300 मिमी बारिश होगी. हमने इन मापदंडों की मदद से चक्रवात के लैंडफॉल की अलग-अलग स्थितियां तैयार की.’

पहले ही कर दी थी बिजली-पानी की व्यवस्था

उन्होंने कहा कि अम्फान ने ओडिशा को सिखाया है कि समर साइक्लोन में बिजली की तेज बहाली करना मुश्किल है. तेज गर्मी के कारण लोग जल्द बहाली की मांग करते हैं और कर्मी गर्म माहौल में काम नहीं कर सकते. जेना ने कहा, ‘ऐसे में हमने पहले ही डीजल जनरेटर जैसे बिजली बैक-अप की तैनाती कर दी थी. गर्मी के चक्रवात में पीने के पानी की बड़ी समस्या होती है, तो इसलिए हमने मोबाइल वॉटर टैंकर तैनात कर दिए थे.’ उन्होंने बताया, ‘पांच वरिष्ठ सचिवों, पांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और एक मंत्री को लैंडफॉल के स्थान पर भेजा गया. कल सभी रास्ते शुरू कर दिए गए हैं, सभी टेलीकॉम व्यवस्था जारी हैं. साथ ही दो दिनों में बिजली की 100 प्रतिशत बहाली हो जाएगी.’