पटना

नालंदा के पैक्स एवं व्यापार मंडलों का चावल एसएफसी द्वारा नहीं लिये जाने का मामला विधानसभा में उठायेंगे : विधायक


      • विधायक डॉ. जितेंद्र ने कहा एसएफसी की गलती के कारण जिले के 33 पैक्स है डिफॉल्टर
      • विधायक ने कहा कि अगर जल्द ही चावल नहीं लिया गया तो सीसी का इंटरेस्ट बढ़ने से कई पैक्स और हो सकते हैं डिफॉल्टर
      • एसएफसी द्वारा चावल भेजने के लिए बोरा का दर 22 रुपये किया गया निर्धारित और बाजार में मिल रहा 30 रुपये में बोरा

बिहारशरीफ (आससे)। विधायक जितेंद्र कुमार ने विधानसभा में तारांकित प्रश्न के जरिये नालंदा जिले के पैक्सों का चावल एसएफसी द्वारा नहीं लिये जाने का मामला उठाते हुए जानना चाहा है कि पैक्सों का चावल कब तक लिया जायेगा या फिर नहीं भी लिया जा सकता है। अपने तारंकित प्रश्न में विधायक ने सहकारिता मंत्री से जानना चाहा है कि नालंदा जिले में कुल 205 पैक्सों एवं व्यापार मंडलों का 38774652 मिट्रिक टन चावल जो एसएफसी को देना है को एसएफसी क्यों नहीं ले रहा है।

विधायक डॉ. जितेंद्र ने बताया कि पैक्सों का चावल जून तक ले लिया जाना था, लेकिन अब जुलाई महीना समाप्त होने को है, परंतु सरकार द्वारा पैक्सों का चावल नहीं लिया गया है, जिसके कारण पैक्स एवं व्यापार मंडल को काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि किसानों से धान क्रय कर पैक्स उसका समर्थन मूल्य क्रय के अगले दिन हीं भुगतान कर दी। धान को मिल से मिलिंग करा कर प्राप्त भी कर लिया। अब पैक्स और व्यापार मंडल एसएफसी को चावल देना चाह रही है, लेकिन एसएफसी द्वारा इसमें कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही है, जिससे पैक्स एवं व्यापार मंडलों के अस्तित्व को खतरा हो सकता है।

विधायक ने कहा कि जिले में 249 पैक्स है, जिसमें 40 पैक्स अब तक डिफॉल्टर हो चुके है। अगर यही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में और भी पैक्स डिफॉल्टर हो सकता है। वजह यह है कि पैक्स द्वारा किसानों से क्रय किये गये धान का समर्थन मूलय सीसी लोन से उठा कर दिया गया है, लेकिन चावल एसएफसी ले नहीं पा रही है और जब तक चावल एसएफसी लेगी नहीं तब तक पैक्सों को पैसा नहंी मिलेगा और इधर दूसरी ओर सीसी लोन का इंटरेस्ट भी लगता रहेगा।

ऐसे में कई पैक्सों की हालत सूद की राशि जमा नहीं करने पर डिफॉल्टर वाली हो सकती है, जिससे आने वाले दिनों में जिले के किसानों को ही परेशानी उठानी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि जिले में कुल डिफॉल्टर धान अधिप्राप्ति की राशि 40 पैक्स द्वारा नहीं जमा किया गया है, जिसका मूलधन और सूद मिलाकर लगभग 16 करोड़ रुपया बकाया है। 33 पैक्स ऐसे है जो एसएफसी से राशि प्राप्त नहीं होने के कारण डिफॉल्टर हुआ है।

विधायक डॉ. कुमार ने यह भी बताया कि पैक्सों को इस बार काफी परेशानी हो रही हैं अधिकांश पैक्सों के पास गोदाम नहीं है और जिनके पास गोदाम है उनके पास चावल रखने की कैपेसिटी नहीं है। ऐसे में बरसात में चावल बर्बाद हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले पैक्सों को चावल लेने के लिए एसएफसी द्वारा जूट बैग दिया जाता था, लेकिन अब प्रावधान किया गया है कि जनवितरण दुकान या फिर मार्केट से खरीदकर पैक्स उसमें चावल दे, जिसके लिए 22 रुपये प्रति बोरा दर निर्धारित है, लेकिन बाजार में यह बोरा 30 से 35 रुपया में मिल रहा है। इस प्रकार पैक्सों पर यह अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इसके लिए पूरी तरह से एसएफसी जिम्मेवार है।