डीएम ने कंफेड और इस क्षेत्र में काम करने वाली संस्था ईको-बॉडी की प्रतिनिधि के साथ की गहन चर्चा
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- टैपरों का बनेगा दो समूह, एक करेगा ताड़ी का संकलन जबकि दूसरा करेगा नीरा का आपूर्ति
- जिले के 2450 टैपरों को दिया गया नीरा कलेक्शन के लिए लाइसेंस
- जिले में लगभग 8 लाख ताड़ और खजूर के है पेड़ जिसके उत्पाद से बनेगा नीरा
- बाजार समिति स्थित बंद पड़े नीरा प्लांट को चालू करने की कवायद तेज
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बिहारशरीफ (नालंदा)। मद्य निषेध लागू होने के उपरांत ताड़ी व्यवसाय में लगे लोगों को वैकल्पिक जीविकोपार्जन का साधन उपलब्ध कराने के लिए नालंदा जिले में नीरा उत्पादन की योजना का क्रियान्वयन किया गया था, लेकिन समय के साथ-साथ यह पिछले वर्षों से बंद पड़ा है, लेकिन हाल के दिनों में मुख्यमंत्री द्वारा इस वैकल्पिक आय के स्रोत को जीवंत करने के निर्देश के आलोक में नालदां जिले में फिर से नीरा उत्पादन को व्यवस्थित करने की पहल तेज की गयी है।
नीरा उत्पादन की प्रक्रिया को जीवंत करने के लिए जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने संबंधित विभागों के पदाधिकारियों के साथ बुधवार को बैठक की और पूर्व के वर्षों में कराये गये सर्वे पर विस्तार से चर्चा की, जिसमें पाया गया कि जिले में लगभग 8 लाख तार और खजूर के पेड़ है। पूर्व के सर्वे के आधार पर जिले में 2425 टैपरो को नीरा कलेक्शन के लिए लाइसेंस दिया गया। डीएम ने आगामी 1 सप्ताह के अंदर किसान सलाहकार एवं जीविका के ग्राम स्तरीय सदस्य के माध्यम से ग्राम वार ताड़ एवं खजूर के पेड़ों तथा टैपरों का वृहत सर्वे करने का निर्देश दिया। इसकी मॉनिटरिंग के लिए पंचायत स्तर एवं प्रखंड स्तर पर जिम्मेदारी तय की गयी है। प्रखंड स्तर पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी, बीपीएम जीविका द्वारा सर्वे कार्य की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जायेगी। सर्वे के क्रम में पेड़ों की नंबरिंग के साथ-साथ जियो टैगिंग भी की जायेगी। पेड़ों के मालिक तथा टैपिंग करने वाले व्यक्ति को भी सर्वे के क्रम में सूचीबद्ध किया जायेगा।
सर्वे के उपरांत चिन्हित किये गये सभी टैपरों को मुख्यमंत्री सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभान्वित किया जायेगा। नीरा कलेक्शन के लिए सभी टैपरों को सघन प्रशिक्षण दिया जायेगा, जबकि नीरा आपूर्ति के लिए टैपरों को दो समूह में बांटा जायेगा। एक समूह के टैपर फ्रेश नीरा बिक्री के लिए उत्पाद (ताड़ी) आपूर्ति करेंगे तथा दूसरे समूह के टैपर बाजार समिति स्थित नीरा प्रोसेसिंग प्लांट के लिए उत्पाद आपूर्ति करेंगे।
बताते चले कि बाजार समिति स्थित नीरा बोटरिंग प्लांट का संचालन कंफेड के माध्यम से किया जा रहा था। इसके लिए राज्य स्तर से कांफेड द्वारा नियुक्त कंसलटेंट तमिलनाडू में नीरा उत्पादन क्षेत्र में काम करने वाली संस्था ईको-बॉडी की प्रतिनिधि सुभद्रा देवी द्वारा प्लांट का निरीक्षण भी किया गया। उन्होंने प्लांट के संचालन को लेकर आगे की कार्य योजना की जानकारी डीएम को दी।
बैठक में उप विकास आयुक्त वैभव श्रीवास्तव, नालंदा डेयरी के सीईओ प्रमोद कुमार सिन्हा, डीपीएम जीविका आदि उपस्थित थे।