पटना

नालंदा में 1.28 लाख हेक्टेयर में होगी धान की खेती


      • 12800 हेक्टेयर में डाला जायेगा बिचड़ा
      • अनुदानित दर पर 4200 क्विंटल धान बीज बांटने का है लक्ष्य
      • 32497 किसानों ने अनुदानित बीज के लिए किया आवेदन
      • कोविड को देखते हुए किसानों को पांच रुपये प्रति पैकेट भुगतान पर की जायेगी बीज की होम डिलीवरी
      • रोहण नक्षत्र है बिचड़ा बुआई का सर्वोत्तम समय लेकिन अब तक नहीं हो सकी है बुआई
      • यास तूफान एवं मंगलवार की बारिश ने खेतों में भर दी पानी जिससे नहीं हो पा रही है जुताई

बिहारशरीफ (आससे)। जिले में 1 लाख 28 हजार हेक्टेयर में खरीफ धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए 12800 हेक्टेयर में बिचड़े तैयार किये जायेंगे। कृषि विभाग बिहार सरकार द्वारा धान की बुआई करने वाले किसानों को अनुदानित दर पर बीज देना शुरू कर दी है। यह अलग बात है कि अब तक बिचड़ा डालने का काम नहीं शुरू हुआ है। हालांकि इसकी शुरुआत जल्द होने की उम्मीद है। लेकिन एक अच्छी बात यह सामने आयी है कि जिले में बीज वितरण का जो लक्ष्य तय किया गया है उससे कहीं अधिक किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। अगर सभी किसानों को बीज दिया गया तो 700 क्विंटल से अधिक और बीज की आवश्यकता होगी। इस बार जिले में 4200 क्विंटल बीज अनुदान पर दिया जाना है।

जिले में धान बीज के लिए अनुदान हेतु 32497 किसानों ने आवेदन डाला है, जिनके लिए 4509 क्विंटल बीज की आवश्यकता होगी। सरकार 50 फीसदी अनुदान पर किसानों को धान का बीज दे रही है। एक किसान को 2 किलो से लेकर 24 किलो तक धान का बीज दिया जायेगा। किसानों के बीच प्रमाणित बीज अनुदान के साथ 15 रुपये किलो, दूसरा  20 रुपये  किलो की दर से दी जायेगी। जबकि खरीफ खेती के लिए 10.24 क्विंटल मक्का, 111 क्विंटल अरहर, 11 क्विंटल उरद बीज भी अनुदानित दर पर किसानों के बीच बांटा जाना है। बीज वितरण का समय 30 जून तक निर्धारित है।

इस वर्ष प्रत्यक्षण के लिए किसानों को 100 फीसदी अनुदान पर बीज मुहैया कराया जा रहा है। शर्त यह है कि बीज की सरकारी कीमत पहले विभाग के खाते में जमा करना होगा बाद में विभाग किसानों की राशि उनके खाते में लौटा देगी। प्रत्यक्षण के लिए एक किट की कीमत 3600 रुपया तय है।

एक अच्छी बात यह है कि कोविड को देखते हुए अनुदान पर मिलने वाला बीज का किसानों के घर होम डिलवरी होगा। बस इसके लिए किसान को प्रति पैकेट पांच रुपया अधिक देना होगा। लेकिन ऑनलाइन आवेदन करते समय ही किसानों को होम डिलीवरी का ऑप्शन सेलेक्ट करना होगा। जिले के 15571 किसानों ने होम डिलीवरी बीज के लिए अपना ऑप्शन सेलेक्ट किया है। कृषि विभाग 11 डीलरों का चयन कर किसानों को बीज उपलब्ध करायेगी।

धान के बिचड़ा डालने का सबसे उपयुक्त मौसम रोहण नक्षत्र माना गया है और यह नक्षत्र 25 मई से शुरू हो चुकी है। यह अलग बात है कि नक्षत्र शुरू होने के साथ ही साइक्लोन का व्यापक असर रहा। भारी बारिश हुई और यही वजह रहा कि धान का बिचड़ा डालने का काम इस नक्षत्र में अब तक शुरू नहीं हुआ। बीते कल भी जिले में काफी बारिश हुई, जिससे किसान अपने खेतों की जुताई नहीं कर पा रहे है और यही वजह है कि धान का बिचड़ा नहीं लगाया गया है। खेतों को जुताई लायक होने में अभी एक सप्ताह का समय लगेगा और ऐसे में धान का बिचड़ा डालने में निश्चित तौर पर विलंब होगा।