आज़मगढ़

नीटमें चयनके बाद गरीबकी बेटीको किया सम्मानित


आजमगढ़। नीट 2022 में सफल शहर की गरीब दलित फफल विक्रेता की बेटी पूजा सोनकर की इस उपलब्धि पर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री व सदर विधायक दुर्गा प्रसाद यादव ने उसके घर मुकेरीगंज पहुंचकर उन्हें बधाई देते हुए सम्मानित किया। इस मौके पर विधायक दुर्गा प्रसाद यादव ने कहा कि पूजा सोनकर जैसे मेधावियों के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे। ऐसी मेधावी क्षमता से युवा वर्ग को सीख लेनी चाहिए और अपने क्षेत्र का नाम देश में रोशन करना चाहिए। इस मौके पर सुनील सोनकर, चुनमुन बरनवाल, विनोद सोनकर, आकाश सोनकर,  मुसाफिर आदि लोग मौजूद रहे। सब मिलाकर पूजा की इस उपलब्धि पर यह कहा जा सकता है कि परिस्थितियां कितनी भी विपरीत हो अगर हौसलों की उड़ान आसमां तक हो तो निश्चित ही पहचान आसमां तक होनी ही है। शहर के मुकेरीगंज निवासिनी पूजा सोनकर ने नीट में चयनित होकर अपने प्रतिभा का जहां लोहा मनवाया वहीं जनपद का नाम गौरवान्वित किया है। पूजा सोनकर के पिता हरीलाल सोनकर दोनों पैर से विकलांग थे लेकिन किसी तरह अपनी पत्नी धाना देवी के सहयोग से ठेले पर फल की दुकान लगाकर जीवनयापन करते थे। सोनकर समाज के रहन-सहन के विपरीत पूजा की मां शुरू से ही अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए संकल्परत रही। पूजा ने अपने मां के सपनों को पूरा करने के लिए जी-तोड़ परिश्रम किया और आनलाइन क्लासेज, सोशल साइटों से मदद लेकर मेडिकल की शिक्षा लेने में कोई कसर नहीं छोड़ा। इसके साथ ही राजेश सिंह, विशाल तिवारी, अजय यादव जैसे शिक्षक, सामाजिक व्यक्तियों ने पूजा का मार्गदर्शक बनकर सहयोग दिया। पूजा सोनकर की प्राथमिक शिक्षा बिलरिया की चुंगी स्थित बाल गोपाल विद्या मंदिर से हुई। इसके बाद वह हाईस्कूल, इंटरमीडिएट चिल्ड्रेन हायर सेकेंडरी स्कूल से उत्तीर्ण हुई और बीएससी की शिक्षा गंगा गौरी महाविद्यालय रौनापार से प्राप्त की। पूजा ने अपने डाक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए 2022 की नीट की प्रवेश परीक्षा दी, जिसमे उन्हें 114229 वीं रैंक व 463 स्कोर प्राप्त हुआ है। मेडिकल की पढ़ाई के लिए पूजा सोनकर को पश्चिम बंगाल के हुगली जनपद स्थित प्रफुल्ल चन्द्र सेन सरकारी मेडिकल कालेज में सीधे दाखिला मिल गया। इस बाबत पूजा सोनकर ने बताया कि माता श्रीमती धाना देवी भले ही शिक्षित न हो लेकिन उन्होंने लगातार मुझे डाक्टर बनने की प्रेरणा दी। हजारों अभाव के बीच माता के सपने को पूरा करने के लिए मैने अपना शत प्रतिशत योगदान दिया। जिसके बाद मुझे यह परिणाम प्राप्त हुआ। मैंने अभाव देखा है, चिकित्सक बनकर मैं गरीब जनता के स्वास्थ्य के लिए बेहतर कार्य करने के लिए संकल्प लेती हूं और युवाओं से अपील करती हूं कि अपनी प्रतिभा को उधर-उधर न लगाए बल्कि एक दिशा में परिश्रम करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। पूजा ने बताया कि राजेश सिंह, विशाल तिवारी, अजय यादव जैसे बहुत से नेक अभिभावकों की मदद के बल पर ही मेरा और मेरी मां का सपना साकार हो सका। बताते चले कि पूजा के पिता की मृत्यु 2020 में कोविड-19 के दौरान हो गई थी। पूजा के भाई मुसाफिर सोनकर व राजेश सोनकर भी फल का ठेला लगाकर सदर अस्पताल के पास जीविकोपार्जन करते है।