पटना

पटना अमिटी पर लगा ग्रहण


विश्वविद्यालय के संचालन की अनुमति समाप्त

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने अमिटी विश्वविद्यालय, पटना के संचालन की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया है। इससे अमिटी विश्वविद्यालय के संचालन की अनुमति समाप्त हो गयी है। इससे संबंधित पत्र उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने अमिटी विश्वविद्यालय के प्रायोजक संस्था के अध्यक्ष को भेजा है। इसकी प्रति अमिटी विश्वविद्यालय, पटना के कुलसचिव-सह-प्रतिकुलपति को भी दी गयी है। इसके मुताबिक बिहार निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2013 की धारा 4 के अधीन शिक्षा विभाग ने 19 मई 2017 को अमिटी विश्वविद्यालय, पटना की स्थापना हेतु आशय पत्र निर्गत किया।

आशय पत्र में वर्णित शर्तों के आलोक में प्रायोजक संस्था द्वारा समर्पित अनुपालन प्रतिवेदन के समीक्षोपरांत शिक्षा विभाग ने 18 अगस्त 2017 को बिहार निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2013 (यथा अद्यतन संशोधित) की धारा 6 के तहत अमिटी विश्वविद्यालय, पटना को दो वर्षों के लिए विश्वविद्यालय संचालन की अनुमति दी गयी। प्रायोजक संस्था के अनुरोध पर शिक्षा विभाग ने 25 मई 2019 को बिहार निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2013 (यथा अद्यतन संशोधित) की धारा 5 की उप धारा (2) में वर्णित प्रावधान के तहत प्रायोजक निकाय के आशय पत्र की अवधि को एक वर्ष के लिए विस्तारित किया गया। इसके साथ ही 15 मई 2020 तक विश्वविद्यालय संचालन की अनुमति दी गयी। उसके बाद फिर 18 मई 2021 तक आशय पत्र की अवधि विस्तारित करते हुए 18 मई 2021 तक विश्वविद्यालय संचालन की अनुमति दी गयी।

इस बीच 17 मई, 2021 को अमिटी विश्वविद्यालय, पटना के कुलसचिव-सह-प्रतिकुलपति ने विश्वविद्यालय संचालन के लिए पुन: आशय पत्र की अवधि विस्तारित करने का अनुरोध शिक्षा विभाग से किया। इसे खारिज करते हुए उच्च शिक्षा निदेशक ने  प्रायोजक संस्था के अध्यक्ष को सूचित किया है कि विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु स्थायी भवन एवं भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण विभागीय स्तर से विश्वविद्यालय के लिए निर्गत आशय पत्र स्वत: निरस्त हो चुका है तथा विश्वविद्यालय संचालन की अनुमति भी स्वत: समाप्त हो चुकी है।

उच्च शिक्षा निदेशक ने अपने पत्र में कहा है कि बिहार निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2013 (यथा अद्यतन संशोधित) की धारा 5 की उप धारा (2) के तहत आशय पत्र की अवधि विस्तारित किया जाना नियमसंगत नहीं है तथा अमिटी विश्वविद्यालय, पटना के कुलसचिव-सह-प्रतिकुलपति के आशय पत्र की अवधि विस्तारित करने के अनुरोध को अमान्य किया जाता है।