(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में इंटरमीडिएट की परीक्षा के पहले दिन सोमवार को नकल के जुर्म में सैकड़ों परीक्षार्थी निष्कासित हुए। परीक्षार्थियों के निष्कासन की काररवाई नकल विरोधी कानून के तहत हुई है।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को जिलों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक नकल के जुर्म में सर्वाधिक 33 परीक्षार्थी भोजपुर जिले से निष्कासित किये गये हैं। दूसरे स्थान पर जमुई है, जहां 29 परीक्षार्थियों को नकल के जुर्म में परीक्षा से निष्कासित किया गया है। तीसरे स्थान पर नालंदा है, जहां नकल के जुर्म में परीक्षा से निष्कासित होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 28 रही।
औरंगाबाद जिले में नकल विरोधी कानून की मार 10 परीक्षार्थियों पर पड़ी है, जो नकल के जुर्म में परीक्षा से निष्कासित हुए हैं। सिवान में सात नकलची परीक्षार्थियों को निष्कासन की सजा भुगतनी पड़ी है। सारण और मुंगेर में नकल के जुर्म में परीक्षा से निष्कासित होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या छह-छह रही।
रोहतास, गया, मधुबनी, मधेपुरा एवं भागलपुर में पांच-पांच परीक्षार्थियों पर नकल विरोधी कानून की गाज गिरी, जो तत्क्षण परीक्षा से निष्कासित किये गये। अरवल एवं दरभंगा में तीन-तीन परीक्षार्थियों को नकल करना महंगा पड़ा। नकल विरोधी कानून के तहत उन्हें भी परीक्षा से निष्कासन की सजा भुगतनी पड़ी।
सीतामढ़ी, समस्तीपुर एवं खगडिय़ा से दो-दो परीक्षार्थी परीक्षा से निष्कासित हुए। इन परीक्षार्थियों को भी नकल विरोधी कानून के तहत परीक्षा से निष्कासित किया गया है।
पटना, बक्सर, सुपौल, खगडिय़ा एवं अररिया से भी एक-एक परीक्षार्थी नकल विरोधी कानून के तहत परीक्षा से निकाले गये हैं।
परीक्षा में कड़ाई ऐसी है कि नकलचियों के हौसले पस्त हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा परीक्षा में प्रश्नपत्रों का 10 सेट (यथा-ए, बी, सी, डी, ई, एफ, जी, एच, आई, जे) तैयार किया गया है, जिससे सीटवार हर 10 परीक्षार्थी तक अलग-अलग सेट में प्रश्नपत्र देने की व्यवस्था है। इससे परीक्षा में नकल की बात तो दूर दायें-बायें और आगे-पीछे ताक-झांक की भी गुंजाइश नहीं है।
बहरहाल, राज्य भर पहले दिन की परीक्षा पूरी तरह कदाचारमुक्त माहौल में शांतिपूर्वक हुई। परीक्षा के दौरान कहीं से किसी प्रकार की अप्रिय घटना की खबर नहीं है।