पटना

बजट ने किया आसान, बच्चे भरेंगे उड़ान


(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। स्कूली बच्चों का भविष्य संवरेगा। यह संभव होगा सर्वसमावेशी प्रगति कार्ड से। इसकी परिकल्पना केन्द्रीय आम बजट में की गयी है। इससे बिहार के स्कूली बच्चे भी हॉवी के अनुरूप कैरियर की उड़ान भरेंगे।

केन्द्रीय आम बजट में की गयी परिकल्पना के मुताबिक स्कूली बच्चों सर्वसमावेशी प्रगति कार्ड मिलेंगे। उसमें बच्चे की हॉवी और उनकी खासियत खास तौर पर अंकित होगी। बच्चे को लेकर दूसरी जरूरी जानकारी भी लिखी जायेगी। इस मायने में सर्वसमावेशी प्रगति कार्ड बच्चों की हॉवी के अनुरूप उनका कैरियर बनाने और संवारने में मदद करेगा।

इस व्यवस्था से बिहार के बच्चों को खास तौर पर हॉवी के अनुरूप कैरियर बनाने में मदद मिलेगी। इसलिए की हॉवी के मामले में बिहार के बच्चों की पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रही है। कला के विभिन्न क्षेत्रों में बिहारी बच्चे सफलता की छलांग लगाते रहे हैं। यह छलांग सर्वसमावेशी प्रगति कार्ड  की व्यवस्था से आने वाले दिनों में और ऊंची होगी।

हालांकि, केन्द्रीय आम बजट में शिक्षा के क्षेत्र में बिहार के लिए अलग से कुछ नहीं है। लेकिन, नयी शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए बजट में किये गये प्रावधान बिहार पर भी लागू होंगे। बजट में अनुसूचित जाति की शिक्षा के लिए किये गये प्रावधानों से बिहार के अनुसूचित जाति के बच्चे भी लाभान्वित होंगे। दरअसल, बजट अनुसूचित जाति कल्याण के लिए पोस्टमैट्रिक स्कालरशिप योजना का प्रावधान किया गया है। इससे  देश भर में अनुसूचित जाति के तकरीबन चार करोड़ विद्यार्थियों पर अगले छह वर्षों में 35219 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

नयी शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के तहत गुणवत्ता सुधार की दृष्टिï से देश भर में 15 हजार स्कूलों को मॉडल बनाने की योजना है। इसमें दो मत नहीं कि इन 15 हजार स्कूलों में बिहार के स्कूल भी शामिल होंगे। बिहार के ऐसे स्कूल राज्य के बाकी स्कूलों के लिए भी मागदर्शक की भूमिका में होंगे।

वैसे, केन्द्रीय आम बजट से पटना विश्वविद्यालय को निराशा हाथ लगी है। इस मायने में कि यह उम्मीद की जा रही थी कि पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल जाय। यह देश का सातवां सबसे पुराना विश्वविद्यालय है।