पटना

पटना: एनएमसीएच में दो दिनों में कोरोना से 25 की मौत, एम्स में भी 23 ने तोड़ा दम


पटना सिटी (आससे)। कोविड अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज में शनिवार व रविवार को कोरोना संक्रमित 25 मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। जबकि, लगातार 20 दिनों में 235 संक्रमित की मौत हो चुकी है।

इस बात की जानकारी देते हुए अस्पताल के अधीक्षक डॉ-विनोद कुमार सिंह ने बताया कि जिन व्यक्ति की दो दिनों में मौत हुयी है, उसमें मुंगेर के 12 अप्रैल से भर्ती 48 वर्षीय अश्विनी कुमार, मेडिकल एनएमसीएच के 20 अप्रैल से भर्ती 80 वर्षीय मनोज कुमार सिंह, दानापुर कैट पटना के 20 अप्रैल से भर्त्ती 39 वर्षीय रूबी कुमारी, विजय नगर पटना के 25 अप्रैल से भर्ती 74 वर्षीय सुभाष चंद्र दास, गया के 26 अ्रप्रैल से भर्ती 55 वर्षीय अंजू सिन्हा, नया चक के 27 अप्रैल से भर्ती 70 वर्षीय राममती देवी, चैली टाल पटना के 27 अप्रैल से भर्ती 70 वर्षीय नागेन्द्र प्रसाद सिंह, दलदली रोड पटना 28 अप्रैल से भर्ती 55 वर्षीय दीपक मौर्य, अटमर गोला पटना के 29 अप्रैल से भर्ती 58 वर्षीय सरस्वती देवी, संदलपुर पटना सिटी के 29 अप्रैल से भर्ती नागेन्द्र प्रसाद, जहानाबाद के 29 अप्रैल से भर्ती 30 वर्षीय अंजू कुमारी, परसा बाजार पटना के 30 अप्रैल से भर्त्ती 37 वर्षीय सुमित कुमार, औरंगाबाद के 30 अप्रैल से भर्ती 55 वर्षीय बुद्धदेव चंद रविवाद, अनिसाबाद पटना के 30 अप्रैल से भर्ती शांति देवी, हाजीपुर के 22 अप्रैल से भर्ती 42 वर्षीय पवन पटेल, कसारा पटना सिटी के 23 अप्रैल से भर्ती 50 वर्षीय उर्मिला देवी, कंकड़बाग पटना के 27 अप्रैल से भर्ती 62 वर्षीय ओम प्रकाश वर्मा, पटना के 30 अप्रैल से भर्ती 75 वर्षीय कृष्ण नंदन सिंह, मर्ची पटना सिटी के 30 अप्रैल से भर्ती 50 वर्षीय हरिनंदन सिंह, भोजपुर के 30 अप्रैल से भर्ती 41 वर्षीय राजू प्रसाद, वैशाली के 1 मई से भर्ती 65 वर्षीय राम जनन सिंह, एनएमसी पटना के 1मई से भर्ती 60 वर्षीय धनपति देवी, बिहटा पटना के 1 मई से भर्षी 60 वर्षीय राजेन्द्र प्रसाद, दनियावा पटना सिटी के 1 मई से भर्ती 61 वर्षीय महेश प्रसाद सिंह, कंकड़बाग पटना के 1 मई से भर्ती 38 वर्षीय आशुतोष कुमार शामिल हैं।

अधीक्षक ने बताया कि अबतक 459 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी हैं साथ ही सभी लाशों को भारत सरकार व डब्लू-एच-ओ के दिशा-निर्देश पर बॉडी को सैनेटाइज कर सरकार के तरफ से उपलब्ध प्लास्टिक कवर में डालकर बिना परिजन के स्पर्श किए शव वाहन से अंतिम संस्कार करना है।

एम्स में भी 23 ने तोड़ा दम

फुलवारीशरीफ। पटना एम्स में दो दिनों कें अंदर पटना, कटिहार, गया, मध्य प्रदेश, सिवान, वैशाली,रांची, जमुई, सारण समेत 23 लोगों की मौत कोरोना से हो गयी जबकि 66 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजो को एडमिट किया गया है। इनमे सबसे ज्यादा पटना के पॉजिटिव मरीज हैं। मृतकों में चीफ पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार व एक डॉक्टर समेत 23 मरीज शामिल हैं।

एम्स कोरोना नोडल आफिसर डॉ संजीव कुमार के मुताबिक पटना एम्स मे बोरिंग रोड के 82 वर्षीय मजाहिर हसन, पटना के 57 वर्षीय अनिल कुमार, बेली रोड के 59 वर्षीय चाणक्य कुमार सिंह, शास्त्रीनगर के 32 वर्षीय रंजीत कुमार सिंह, बांकीपुर के 63 वर्षीय भुषण कुमार, बोरिंग कैनाल रोड के 66 वर्षीय डा0 कृष्णा कुमार, राजापुर के 70 वर्षीय अमलेश कुमार सिंह, नालंदा के 47 वर्षीय मनोरंजन कुमार, फुलवारीशरीफ कि 54 वर्षीय शकिला खातुन, खलीलपुरा के 62 वर्षीय जमशेद अख्तर, लोहानिपुर कि 57 वर्षीय मंजु देवी, गर्दनीबाग के 92 वर्षीय विदानंद पाण्डेय,यारपुर कि 53 वर्षीय उषा किरण, पीरबहोर के 72 वर्षीय डा. हुसैन अहमद, खगौल के 45 वर्षीय संजीव कुमार, भोजपुर कि 75 वर्षीय सरोजनी सिंहा,  राजीव नगर कि 52 वर्षीय संगीता कुमार सिंह, जानीपुर के 72 वर्षीय विदेश्वर राय, सारण के 68 वर्षीय विनोद कुमार सिंह, पटना कि 71 वर्षीय माया सिंहा, भोजपुर के 56 वर्षीय प्रकाश मिश्रा, मुजफरपुर के 56 वर्षीय विनोद कुमार रजक जबकि कंकडबाग कि 81 वर्षीय कांति शर्मा की मौत कोरोना से हो गयी है।

वहीं एम्स के आइसोलेशन वार्ड में 66 नये कोरोना पॉजिटिव मरीजो को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया है जिसमे पटना के सबसे ज्यादा 56 लोगो समेत भोजपुर, कटिहार, बेगुसराय,  मध्य प्रदेश, वैशाली, झारखंड,  जमुई,  सारण,  के मरीज शामिल हैं। पटना एम्स में बिहार के चीफ पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार का भी कोरोना से निधन हो गया। वो पटना एम्स में भर्ती थी। संक्रमित होने के बाद उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। जहां पर उनकी हालत खराब होता देख डॉक्टरों ने वेंटिलेटर पर रखा था।

लेकिन अनिल कुमार भी कोरोना से जंग हार गये। बिहार सर्किल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल थे अनिल कुमार। इनके निधन से डाक विभाग में शोक की लहर दौड़ गयी। इसके अलावा एम्स में 43 लोगों ने कोरोना को मात दे दिया जिन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं दो दिनों कें अंदर आइसोलेशन वार्ड में एडमिट कुल 664 मरीजों का इलाज चल रहा था।