पटना

पटना: एप से पढ़ेंगे 9वीं से 12वीं के 45 लाख बच्चे


फिलो प्लेटफॉर्म का नि:शुल्क उपलब्ध कराने को हुई साझेदारी

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य सरकार ने प्रदेश के नौ हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा के सभी छात्रों को फिलो प्लेटफॉर्म का नि:शुल्क एक्सेस देने के लिए दुनिया के पहले इंस्टेन्ट लाईव ट्युटरिंग ऐप ‘फिलो’ के साथ साझेदारी की है।

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शुक्रवार को यहां श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित समारोह में बिहार के छात्रों के लिए एप का उद्घाटन किया। 45 लाख से अधिक छात्रों के लिए यह सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध होगी जो 1-1 पर्सनलाइज्ड प्रशिक्षण के लिए प्लेटफॉर्म पर पेशेवर ट्यूटर्स का तुरंत एक्सेस पा सकेंगे। इसी के साथ बिहार भारत में पहला राज्य बन गया है, जो क्लासरूम के दायरे से बाहर जाकर अपने छात्रों को एक समान शैक्षणिक सहयोग प्रदान करने के लिए तैयार है।

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि हमें गर्व है कि हम अपने छात्रों को लाईव इंस्टेन्ट ट्यूटरिंग सहयोग प्रदान करने वाली पहली राज्य सरकार हैं। फिलो के संस्थापकों को इस प्लेटफॉर्म के लिए उन्होंने बधाई दी, जो छात्रों को 24/7 समाधान उपलब्ध कराकर उनकी लर्निंग को बेहतर बनाने में सहायता प्रदान करता है। फिलो अपने नाम पर खरा उतरा है, जो स्कूल के बाद छात्रों को पढाई में मदद कर रहा है और उनके सभी सवालों को आसानी से हल कर रहा है। शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने शिक्षकों को अगाह किया। कहा कि बच्चों को ईमानदारी से पढ़ाये शिक्षक। यदि शिक्षण कार्य में शत प्रतिशत नही पाए जाते है तो कार्रवाई करे। जांच में दोषी पाए जाते है तो सस्पेंड करे। शिक्षकों को मनचाहा पोस्टिंग दीजिये। कोई शिक्षक सिवान में रहे या सासाराम में। हमे कोई फर्क नही पड़ता। वे पढ़ायें।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य संजय कुमार ने कहा कि आगे शिक्षा में बड़ा बदलाव दिखने जा रहा है। इंटरनेट पहले से इस्तेमाल कर रहे हैं। शिक्षक ऑनलाइन और इंटरनेट से पढ़ाई केलिए तैयार रहें। डिजिटल पढ़ाई अनिवार्य होगी। हमने तय किया है कि सभी शिक्षकों को डिजिटल तकनीक के बारे ट्रेंड किया जाएगा। जिला स्तर पर ट्रेनिंग दी जाएगी। सभी स्कूल में प्रबंध विद्यालय समिति का गठन जरूरी है।

फिलो के सह संस्थापक इमबेसात अहमद ने कहा कि मैं खुद बिहार से हूं। मैंने पटना में ही अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की। मुझे खुशी है कि मैं उच्च गुणवत्ता की शिक्षा पर आधारित यह प्रोडक्ट लेकर आया हूं। यह पर्सनलाइज़्ड शिक्षा छात्रों के परफोर्मेन्स में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। यूएसए में इस मॉडल को अपनाया जा चुका है, सैन फ्रांसिस्को, फ्लोरिडा, शिकागो और लॉस एंजिल्स जैसे जि़लों में यह मॉडल छात्रों के लिए बेहद कारगर साबित हुआ है।

इस अवसर पर शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ, माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशकश्रीकांत शास्त्री,  दिल्ली आईआईटी के शादमान अनवर, खडग़पुर आईआईटी के रोहित कुमारभी मौजूद थे। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की किरण कुमारी सहित सभी संबंधित अधिकारी मौजूद थे।