(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में एसआरजी (राज्य संसाधन समूह) एवं केआरपी (मुख्य स्रोत व्यक्ति) के पद से शिक्षकों की छुट्टी हो गयी है। साक्षरता की राज्य सम्पोषित योजना की मॉनिटरिंग के लिए एसआरजी एवं केआरपी के पद पर स्कूली शिक्षक भी प्रतिनियुक्त किये गये थे। राज्य में सम्प्रति राज्य संपोषित साक्षरता की महादलित दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना चल रही है।
इसकी मॉनिटरिंग के लिए एसआरजी एवं केआरपी के रूप में प्रतिनियुक्त होकर कार्य कर रहे शिक्षकों की प्रतिनियुक्त तत्काल प्रभाव से समाप्त की गयी है। इससे संबंधित आदेश जन शिक्षा निदेशक सतीश चन्द्र झा के हस्ताक्षर से शुक्रवार को जारी हुआ है। यह पटना उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में हुआ है। प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के साथ ही शिक्षकों को अविलंब अपने मूल पद पर लौटने के निर्देश दिये गये हैं।
आदेश के मुताबिक राज्य योजना के अधीन प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत रहे शिक्षक-शिक्षिकाओं का एसआरजी एवं केआरपी के रूप में प्रतिनियुक्ति-सेवा समाप्त किये जाने के उपरांत रिक्त हुए पदों पर तात्कालिक-वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कार्यरत गैरशिक्षक एसआरजी-केआरपी को अतिरिक्त प्रभार के रूप में कार्यभार संबंधित जिले के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (साक्षरता) कार्यहित को ध्यान में रखते हुए आवंटित करेंगे। एक एसआरजी-केआरपी को अतिरिक्त प्रभार के रूप में स्वीकृत किये गये कार्यभार के लिये कोई अतिरिक्त प्रबोधन राशि देय नहीं होगी।