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पटना के गांधी मैदान में नीतीश कुमार देंगे साढ़े दस हजार पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र


पटना : बिहार पुलिस को इसी माह करीब साढ़े दस हजार नए पुलिसकर्मी मिलेंगे। राजधानी के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 10 हजार 459 पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र देंगे। इनमें 8246 सिपाही और 2213 अवर निरीक्षक शामिल हैं। पुलिस मुख्यालय के अनुसार, 16 नवंबर को पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र देने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। गांधी मैदान में होने वाले कार्यक्रम की तैयारी के लिए पटना रेंज के आइजी और एसएसपी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। 

 प्रारंभिक और मुख्य लिखित परीक्षा के बाद इस वर्ष जुलाई में अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति हेतु अनुशंसा की गई थी। नवनियुक्त पुलिसकर्मियों का चरित्र सत्यापन और मेडिकल जांच पूरा कर लिया गया है। इन पुलिसकर्मियों व पदाधिकारियों को प्रशिक्षण के बाद विशेष तौर पर विधि-व्यवस्था के कार्य में लगाया जाएगा। करीब साढ़े दस हजार नए पुलिसकर्मी मिलने के बाद राज्य में पुलिसकर्मियों की संख्या एक लाख को पार कर जाएगी।

  • 16 नवंबर को प्रस्तावित है कार्यक्रम
  • 8246 सिपाहियों की होनी है नियुक्ति
  • 2213 अवर निरीक्षक भी होंगे नियुक्त

संविदा के आधार पर नियुक्त होंगे 140 पुलिस पदाधिकारी

बिहार पुलिस में नियमित नियुक्ति के अलावा संविदा के आधार पर सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों की भी नियुक्ति की जा रही है। हाल ही में संविदा के आधार पर 140 पुलिस पदाधिकारियों का चयन हुआ है। एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने इन 140 पुलिस पदाधिकारियों को जल्द जिलों में नियुक्ति करने का निर्देश दिया है। मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में बताया गया कि फेज-दो के लिए संविदा के आधार पर नियुक्ति हेतु 340 आवेदन प्राप्त हुए हैं।

ट्रांसफर के बाद भी जमे हैं पुलिसकर्मी, विरमित करने का निर्देश

लंबे समय से एक ही जिले में पदस्थापित पुलिसकर्मी तबादले के आदेश के बावजूद अभी तक विरमित नहीं हुए हैं। वह पुराने जिले में ही काम कर रहे हैं। कई जिलों से इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद डीजीपी एसके सिंघल ने मंगलवार केा समीक्षा बैठक में सभी जिलों के एसपी को सख्त निर्देश देते हुए अविलंब ऐसे पुलिसकर्मियों को अंतिम वेतन प्रमाण पत्र देते हुए विरमित करने को कहा है। इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय ने संबंधित आइजी व डीआइजी से भी पूछा है कि अभी तक इन पुलिसकर्मियों को विरमित क्यों नहीं किया गया। आइजी-डीआइजी को अविलंब इस बिंदु पर ध्यान देने को कहा गया है।