- कोरोना महामारी के बीच सरकार के दावों से इतर अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी सामने आ रही है. रविवार को पटना के दो बड़े सरकारी अस्पतालों ने DM को पत्र लिखकर ससमय ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है.
बिहार के सबसे बड़े कोविड डेडीकेटेड अस्पताल नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई में आ रही दिक्कत को लेकर सुपरीटेंडेंट ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा. अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि NMCH में हर दिन 1000 सिलेंडर की जरूरत है. लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडरों की निर्बाध आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हो रही है.
अधीक्षक ने जिलाधिकारी से ससमय ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही 250 सिलेंडर का रिजर्व पूल भी अस्पताल को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. कुछ दिन पहले ही NMCH के अधीक्षक ने ऑक्सीजन सप्लाई की कमी को लेकर खुद को पद से हटाए जाने की सिफारिश की थी.
पटना में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) के निदेशक ने भी पटना जिलाधिकारी को लिखा पत्र है. IGIMS के निदेशक ने बताया है कि कैसे शनिवार रात अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने के कगार पर था जिसको लेकर काफी जद्दोजहद के बाद ही सुबह 4 बजे ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हो पाए थे. निदेशक के मुताबिक जिस एजेंसी के जरिए उन्हें ऑक्सीजन सप्लाई होती है, उसे गैस रिफिलिंग कराने में दिक्कत आ रही है.
IGIMS के डायरेक्टर ने DM को लिखी चिट्ठी में बताया है कि अभी अस्पताल में हर दिन 475 सिलेंडर इस्तेमाल हो रहे हैं. लेकिन अस्पताल में 50 वेंटिलेटर और लगाए जा रहे हैं जिसके बाद प्रतिदिन 600 सिलेंडर की खपत होगी. निदेशक ने जिलाधिकारी से हर दिन 600 ऑक्सीजन सिलेंडर ससमय उपलब्ध कराने का अधिकारियों को निर्देश देने की गुहार लगाई है.
इतना ही नहीं, बिहार और खास तौर पर पटना के निजी अस्पतालों में भी लगातार ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी का खतरा बना हुआ है. कुछ अस्पताल तो ऑक्सीजन खत्म होने की वजह से मरीजों को जबरन डिस्चार्ज कर रहे हैं, जबकि कुछ तो मरीजों के परिजनों को ही ऑक्सीजन सिलेंडर लाने को कह रहे हैं.