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- अशोक कुमार, मृणाल पाण्डेय व जाबिर हुसैन को भी पुरस्कार
- हिंदी सेवियों व एक संस्था को मिलेंगे 19.50 लाख रुपये के पुरस्कार
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(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। हिंदी सेवा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर राज्य द्वारा दिया जाने वाला तीन लाख रुपये का डॉ. राजेंद्र प्रसाद शिखर सम्मान डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को मिलेगा। यह हिंदी सेवा के लिए राज्य द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
यह सम्मान डॉ. विश्वनाथ प्रसाद को वर्ष 2020-21 के लिए मिलेगा। वर्ष 2020-21 के लिए 14 साहित्यकारों एवं एक संस्था को 19 लाख 50 हजार रुपये के सम्मान व पुरस्कार दिये जायेंगे। इनमें ढाई लाख रुपये के एक, दो लाख रुपये के पांच एवं पचास हजार रुपये के आठ पुरस्कार हैं। यह फैसला मंत्रिमंडल सचिवालय (राजभाषा) विभाग की हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार योजना, 2020-21 के अधीन विभिन्न श्रेणी के पुरस्कारों के कार्यान्वयन हेतु निर्णायक मंडल ने लिया है।
इसके मुताबिक ढाई लाख रुपये का बाबासाहेब अम्बेदकर पुरस्कार के लिए डॉ. अशोक कुमार को मिलेगा।
दो लाख रुपये का जननायक कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार के लिए श्रीमती मृणाल पाण्डेय को मिलेगा। दो लाख रुपये का बी. पी. मंडल पुरस्कार श्रीमती सुशीला टॉकभोरे को मिलेगा। दो लाख रुपये का नागार्जुन पुरस्कार कवि सत्यनारायण को मिलेगा। दो लाख रुपये का राष्ट्रकवि दिनकर पुरस्कार रामश्रेष्ठ दीवाना को मिलेगा। दो लाख रुपये का ही फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ पुरस्कार जाबिर हुसैन को मिलेगा।
पचास हजार रुपये का महादेवी वर्मा पुरस्कार के लिए डॉ. पूनम सिंह का चयन हुआ है। पचास हजार रुपये के बाबू गंगाशरण सिंह पुरस्कार के लिए श्रीमती वनजा (केरल) का चयन हुआ है। पचास हजार रुपये का विद्याकर कवि पुरस्कार दक्षिण भारतीय हिंदी प्रचार सभा (हैदराबाद) का चयन हुआ है। पचास हजार रुपये का विद्यापति पुरस्कार के लिए श्रीमती गीताश्री का चयन हुआ है। पचास हजार रुपये का मोहनलाल महतो ‘वियोगी’ पुरस्कार के लिए डॉ. राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’ का चयन हुआ है।
पचास हजार रुपये के भिखारी ठाकुर पुरस्कार के लिए भगवती प्रसाद द्विवेदी का चयन हुआ है। पचास हजार रुपये के डॉ. ग्रियर्सन पुरस्कार के लिए डॉ. छाया सिन्हा का चयन हुआ है। पचास हजार रुपये के ही डॉ. फादर कामिल बुल्के पुरस्कार के लिए अनन्त विजय का चयन हुआ है।