पटना

पटना: दानापुर में दहेज लोभी ससुराल वालों ने महिला की कर दी हत्या


ससुराल वाले ने हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए पंखे से लटका दिया

दानापुर/खगौल/फुलवारी। चार साल के इस मासूम को अपनी माँ के शव के पास स्तब्ध बैठा देखिये, इसकी मां को इसके पिता ने ही मार डाला, बच्चे को इस उम्र में ममता के साये से महरूम कर दिया गया जब उसे उसकी माँ के प्यार दुलार और हरपल पर हर तरह से जरूरत थी, अबोध बालक एकटक मृत मां के चेहरे को निहार जा रहा है जिसे अब लगने लगा है कि अब उसकी माँ उसे प्यार दुलार करने शायद कभी नही उठेगी। मां के शव के पास उसे उठाने का अथक प्रयास जर रहे चार साल के बालक को देख वहाँ मौजूद किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी उसे कैसे समझाए की अब उसकी माँ हमेशा के लिए भगवान के पास चली गयी और कभी लौट कर नही आएगी।

मासूम बच्चा अपनी माँ को झकझोर झकझोर रोते बिलखते कलपते उठाने का घंटों प्रयास करता रहा और फिर थक हार कर मा के लाश के पास ही लिपटकर सो जाता है। उसे माँ की लाश के पास लिपटे लिपटे नींद नही आती और न ही उसे आज भूख ही लगती है। फिर से उठकर माँ के चेहरे को थामे चूमता है प्यार दुलार से सर पे हाथ फिराता है को शायद थकी बीमार सी उसकी मां उठ जाएगी।

यह हॄदय विदारक नजारा दानापुर के खगौल राजनगर कैंट रोड में प्रेसिडेंसी ग्लोबल स्कूल के पास की है। जहां विवाहिता निशा देवी को उसके पति अंजनी कुमार पिता शरतचन्द्र ने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर दहेज के लिए हत्या कर दिया। मृतका निशा देवी को एक मात्र पुत्र चार वर्षीय आराध्य श्रीनिवास का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था। वह बार बार अपनी मृत माँ को उठाने का प्रयास करता है जिसे उसके ननिहाल से आये परिजन सम्भालने में जुटे।

वहीँ दानापुर के शाहपुर के डिफेंस कोलोनी निवासी श्यामानुज राय ने अपनी बेटी निशा की हत्या दहेज के लिए करने का आरोप दामाद अंजनी कुमार, ससुर शरतचन्द्र, ननद प्रियंका, सास देहुति देवी पर लगाया है। इस मामले में परीजनो ने पुलिस के पास दहेज हत्या का नामजद प्राथमिकी दर्ज कराने में जुटे हैं।

मृतका के पिता ने बताया है कि उनकी बेटी की शादी वर्ष 2016 में हुई थी। उस समय क्षमता अनुसार दान दहेज दिया गया था, उसके बावजूद बेटी को ससुराल में दहेज़ के लिए मारपीट और प्रताड़ित किया जाने लगा तब उनकी बेटी तीन सालों से मायके में ही रहने लगी। इसी वर्ष उनका दामाद अंजनी कुमार साजिश के तहत अब पत्नी को सही ढंग से रखने के लिए मनाकर अपने घर ले गया लेकिन फिर से दहेज की डिमांड को लेकर मारपीट और प्रताड़ना का दौर शुरू हो गया, जिसकी शिकायत उनकी बेटी निशा मोबाइल से बातचीत में बताती रही थी।

वही 13 मई की सुबह एक मनहुस कॉल आयी जिसमे ससुराल वालों ने बताया कि निशा ने आत्महत्या कर लिया है। इसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। मायके वाले रोते कलपते जब निशा के ससुराल पहुंचे तो पलंग पर उसकी डेड बॉडी पड़ी हुई थी जिसके गले पर फंदा का निशान यह बता रहा था कि उसकी हत्या कर आत्महत्या का रूप दिया गया है। मायके वालों का आरोप को दहेज लोभी ससुरालियों को लगा कि शायद कोरोना के चलते हो रही मौत में दुसरे परीजनो के तरह निशा के परिजन भी लाश देखने नही आएंगे तो मामला पच जाएगा।

बहरहाल मृतका के मायके वलए परिवार के लोगो के आवेदन पर पुलिस करवाई में जुटी है। पुलिस का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम कराया जाएगा उसके बाद ही स्पष्ट हो पायेगा की हत्या हुई या आत्महत्या का मामला है। उधर महिला की मौत के बाद चार साल के बच्चे, मृतका के पिता श्यामानुज राय, मां मीरा राय, पुत्र सुनील, भतीजा अनिल सहित अन्य सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है।