पटना

पटना: नगर विकास एवं आवास विभाग के लिए 2379 करोड़ 48 लाख 9 हजार का बजट परित


उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने पेश किया द्वितीय अनुपूरक बजट

(आज समाचार सेवा)

पटना। बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने आज बिहार विधानसभा में नगर विकास एवं आवास विभाग का 2379 करोड़ 48 लाख  9 हजार रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया।

उन्होंने नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरण को पेश करते हुए कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग को स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद के अंतर्गत विभिन्न मदों में कुल 1347 करोड़ 42 लाख 9 हजार रुपए द्वितीय अनुपूरक आगणन से प्राप्त हुआ है। इसकी विवरणी एवं औचित्य को उन्होंने सदन के पटल पर रखा।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य वित्त आयोग के लिए द्वितीय अनुपूरक आगणन से प्राप्त राशि 638 करोड़ 27 लाख 98 हजार रुपया है। वित्त आयोग की राशि 2 हजार रुपये, नगर प्रबंधकों को मानदेय हेतु 1 करोड़ 90 लाख रुपए, कार्यपालक पदाधिकारियों के वेतन हेतु 5 करोड रुपए, नगर और प्रादेशिक आयोजन की स्थापना हेतु 20 लाख रुपए, भू-संपदा अपीलीय न्यायाधिकरण हेतु 1 करोड़ 64 लाख 9 हजार रुपए, बकाया विद्युत विपत्र हेतु 700 करोड रुपए, नगर विकास एवं आवास विभाग हेतु 40 लाख रुपए सहित कुल 1347 करोड़ 42 लाख 9 हजार रुपए द्वितीय अनुपूरक आगणन से प्राप्त राशि है।

उन्होंने कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग को स्कीम मद अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में कुल 1032 करोड़ 6 लाख रुपये द्वितीय अनुपूरक आगणन से प्राप्त हुआ है, जिसके अंतर्गत नाला निर्माण, सीवरेज एवं अन्य सैनिटेशन योजना के लिए द्वितीय अनुपूरक आगणन से प्राप्त राशि 135 करोड़ रुपये है। नागरिक सुविधा के लिए 50 करोड़ रुपये, भू-अर्जन के लिए 100 करोड़ अमरूत के लिए 495 करोड़ 52 लाख रुपए, सबके लिए आवास (शहरी) मिशन हेतु 51 करोड़ 54 लाख रुपए, पटना मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड के लिए 200 करोड़ रुपए सहित कुल 1032 करोड़ 6 लाख रुपए द्वितीय अनुपूरक आगणन से प्राप्त राशि है।

उन्होंने कहा कि नाला निर्माण, सीवरेज एवं अन्य सैनिटेशन योजना के लिए माह सितंबर-अक्टूबर 2019 में अतिवृष्टि के कारण पटना शहर में जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जिसके कारण शहर को आर्थिक रूप से काफी नुकसान हुआ था। उक्त जल-जमाव के कारणों को जानने हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। उक्त समिति द्वारा दिए गए प्रतिवेदन के आलोक में पटना शहर के जल-जमाव की समस्या के समाधान हेतु 22 स्थानों पर नए ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन के अधिष्ठापन की योजना स्वीकृत की गई है।

साथ ही पूर्व से अधिष्ठापित ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों के क्षमतावर्द्धन की योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिसके लिए देनदारी की राशि आवंटित की जानी है। इसी प्रकार नागरिक सुविधा के लिए पटना शहर में जाम की समस्या के समाधान हेतु अंतर्राज्यीय बस स्टैंड निर्माण कराए जाने का निर्णय लिया गया था, जिसके आलोक में पटना शहर में अंतर्राज्यीय बस स्टैंड योजना स्वीकृत की गई है, जिसका उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री द्वारा किया जा चुका है। इस योजना के लिए देनदारी की राशि आवंटित की जानी है।

उन्होंने कहा कि शहरों में कचड़ा फेंकने के लिए लैंडफिल साइट नहीं है। इसके लिए बाजार दर पर जमीन क्रय कर लैंडफिल साइट बनाने का निर्देश है। केंद्रीय प्रायोजित योजना अमृत के अंतर्गत राज्य के एक लाख से अधिक आबादी वाले 21 नगर निकायों में जलापूर्ति योजना, 3 नगर निकायों में स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज योजना एवं 27 नगर निकायों में पार्क विकास योजना कार्यान्वित है। इस योजना के लिए 50 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा, 30 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा एवं 20 प्रतिशत राशि संबंधित नगर निकायों द्वारा वहन किया जाना है। अमृत योजना के मार्गदर्शिका के अनुसार भारत सरकार द्वारा विमुक्त राशि एवं इसके अनुपातिक राज्यांश की राशि एक महीने के अंदर योजना के कार्यान्वयन हेतु विमुक्त किया जाना है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना मेट्रो रेल परियोजना बिहार राज्य की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना के कार्यान्वयन के क्रम में स्वीकृत प्रथम चरण के दो कोरिडोर के स्टेशनों के निर्माण हेतु स्थायी एवं अस्थायी भूमि के साथ डिपो के लिए चयनित भूमि का अधिग्रहण किया जाना आवश्यक है। उक्त कार्यों हेतु द्वितीय अनुपूरक आगणन से कुल 200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त उद्व्यय प्राप्त किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार स्कीम तथा स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद के अंतर्गत नगर विकास एवं आवास विभाग को कुल 2379 करोड़ 48 लाख  9 हजार रुपये मात्र द्वितीय अनुपूरक आगणन से प्राप्त हुआ है।