पटना (विधि सं)। पटना हाई कोर्ट ने राज्य के राष्ट्रीयकृत प्राथमिक विद्यालयों में प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर के पद पर भर्ती हेतु नियम के तहत निर्धारित शर्तो के मामले पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार सप्ताह में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है। चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस पी बी बजन्थरी की खंडपीठ ने कहा है कि इस बीच परीक्षा नहीं ली जाएगी। राज्य सरकार का पक्ष महाधिवक्ता ललित किशोर ने रखा। पूर्व में कोर्ट ने याचिकाकर्ता एसोसिएशन के सदस्यों को शर्तों के साथ चयन, नियुक्ति व भर्ती में भाग लेने की अनुमति दी थी।
लेकिन कोर्ट ने इस मामले में कुछ शर्तों को भी रखा है था। इनके रिजल्ट की घोषणा की जाएगी, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं होगी। ये कोई राइट या इक्विटी का दावा नहीं करेंगे। इनकी बहाली के लिए परीक्षा में भाग लेना याचिका के फलाफल पर निर्भर करेगा। चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस पी बी बजन्थरी की खंडपीठ ने इन दी मैटर ऑफ टीईटी – एस टी ई टी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (टी एस यू एन एस एस) गोप गुट की याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश को पारित किया।
कोर्ट के समक्ष बिहार नेशनलाइज़ेड प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर (अपॉइंटमेंट, ट्रांसफर, डिसिप्लिनरी एक्शन् एंड सर्विस कंडीशन)रूल्स, 2021 के संबंध में प्रकाशित किये गए अधिसूचना को रखा गया था, जिसमें हेडमास्टर के पद हेतु योग्यता की शर्तों को निर्धारित किया गया था।
अधिवक्ता मृतुन्जय कुमार ने बताया कि कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि जब हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित उक्त अधिसूचना को पढ़ा जाता है, तो विभिन्न स्थिति उभर कर आती है। अंग्रेजी संस्करण के अनुसार याचिकाकर्ता संघ के सदस्य राज्य सरकार द्वारा हेडमास्टर के पद पर भर्ती हेतु संचालित किए जाने वाली प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेने के योग्य होंगे, जबकि रूल्स के हिंदी संस्करण से अयोग्य हो जाएंगे।