पटना

धनतेरस पर धनवर्षा- बिहार में 10 हजार करोड़ का कारोबार


पटना में 2000 करोड़ का व्यवसाय हुआ, टॉप पर रहा ऑटोमोबाइल बाजार, 300 करोड़ से ज्यादा के वाहन बिके, 85 लाख रुपये तक का हार, एक करोड़ 35 लाख रुपये की बीएमडल्ब्यू पटना निवासी ने खरीदी

पटना (आससे)। कोरोना काल में 24 माह बाद बिहार के बाजारों में जमकर धन वर्षा हुई है। धनतेरस पर पूरे राज्य में 10 हजार करोड़ से ज्यादा के कारोबार का अनुमान है। सिर्फ राजधानी पटना में ही लगभग 2000 करोड़ के कारोबार का अनुमान है। टॉप पर ऑटोमोबाइल कारोबार रहा है। महंगी एक्सयूवी और कार के साथ बाइक व स्कूटी की बिक्री ने रिकॉर्ड तोड़ा है। बिजनेस एक्सपर्ट की मानें तो इस बार धनतेरस में लोगों ने महंगी गाडिय़ों को पसंद किया है। राजधानी में 85 लाख रुपये तक का हार बिका। एक करोड़ 35 लाख रुपये की बीएमडल्ब्यू भी पटना निवासी ने रांची में खरीदी। कोरोना काल में दो साल से बड़ी खरीदारी नहीं करने वालों ने लग्जरी सामानों को जगह दी है। गोल्ड और सजावट के सामानों की भी खूब बिक्री हुई है।

पटना में इस बार ऑटोमोबाइल एक नंबर पर है, जबकि गोल्ड और इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स व अन्य सजावटी सामान व फर्नीचर दूसरे-तीसरे नंबर पर रहा है। ग्राहकों ने फर्नीचर के सामानों के साथ प्लास्टिक व होम अप्लायंस को भी खरीदा है। कोरोना के बाद धनतेरस के बाजार का ट्रेंड बदला है। वाहन, ज्वेलरी, बर्तन के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सामान और होम अप्लायंसेस के दुकानदारों के लिए धनतेरस काफी सुखद रहा है। ग्राहकों ने सोने की बिस्किट खरीदने में भी रुचि दिखाई। बोरिंग रोड स्थित एक ज्वैलरी शो रूम में एक किलो के सोने के बिस्किट बिकी। इसका मूल्य 52 लाख रुपये था। फ्रेजर रोड तनिष्क शोरूम में 22 लाख का डायमंड सेट बिका। शोरूम के प्रबंधक उमेश टेकरीवाल ने बताया 22 लाख रुपए मूल्य का नेकलेस के अलावा 10 से 12 लाख के भी कई हार बिके। ग्राहकों ने गोल्ड रिंग, झुमका, टॉप, चेन और फिंगर रिंग की भी जमकर खरीदारी की।

ऑटोमोबाइल कारोबार से जुड़े डीलरों का कहना है कि कई एजेंसी पर चार पहिया वाहनों का स्टॉक ही खत्म हो गया है। राजधानी के लगभग सभी डीलरशिप में चार पहिया वाहनों का स्टॉक कम हुआ या फिर खत्म हो गया है। विभिन्न एजेंसियों में लगभग 2 हजार से अधिक चार पहिया वाहनों की बिक्री हुई। वहीं करीब 6 हजार दोपहिया वाहन बिके हैं। कई शोरूम पर दोपहिया वाहनों का स्टॉक भी खत्म हो गया। ऑटोमोबाइल सेक्टर 300 करोड़ से ऊपर रहा है। बाजार में सुबह से ही गाडिय़ों की डिलीवरी शुरू हुई तो देर रात तक चलती रही। बिजनेस के जानकारों का कहना है कि हाई प्रोफाइल ग्राहक इस बार गोल्ड के बजाए लग्जरी गाडिय़ों की तरफ डायवर्ट हुए हैं। चार माह पहले से ही धनतेरस को लेकर लग्जरी गाडिय़ों की बुकिंग चल रही थी। मंगलवार को धनतेरस पर महंगी गाडिय़ों की बिक्री ने रिकॉर्ड तोड़ा है।

मंगलवार की देर रात तक दुकानों पर भीड़ रही। हर सेक्टर में रौनक रही। फुटपाथ के साथ बड़े-बड़े शोरुम में भीड़ रही। ज्वेलरी की दुकानों में भी जमकर पैसा आया है। राजधानी में 85 लाख रुपये तक का हार बिका। बेली रोड राजा बाजार स्थित श्रीहरि ज्वेलर्स में राजधानी का सबसे महंगा आभूषण बिका। ज्वेलरी शोरूम के मालिक शांतम खेमका ने बताया कि उनके यहां इस बार 85 लाख रुपये मूल्य के हार का सेट बिका। डायमंड सेट का नेकलेस इस बार सबसे अधिक मूल्य का बिकने वाला गहना रहा।

एक करोड़ 35 लाख रुपये की बीएमडल्ब्यू भी पटना निवासी ने रांची में खरीदी। इलेक्ट्रॉनिक सामान और होम अप्लायंसेस की बिक्री भी इस बार रिकॉर्ड तोडऩे वाली रही। गाडिय़ों का कारोबार भी काफी बूम पर रहा है। फर्नीचर व होम फर्निशिंग्स से जुड़े सामानों के कारोबारियों का कहना है कि इस बार उम्मीद से काफी अच्छा बाजार रहा है। ऐसे ही बर्तन बाजार में भी काफी भीड़ रही है। इस कारोबार से जुड़े दुकानदारों का कहना है कि इस बार रिकॉर्ड टूटा है। इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार पर जबरदस्त रंग दिखा। दुकानों पर देर रात तक लोग खरीदारी करते रहे। टीवी, वाशिंग मशीन के अलावा लोगों ने फ्रिज व एसी की खरीदारी की। इलेक्ट्रॉनिक व होम अप्लायंसेस के सामान खूब बिके।

कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम और बच्चों के ऑनलाइन क्लास के ट्रेंड ने मोबाइल और कंप्यूटर के कारोबार को बढ़ा दिया। स्मार्टफोन के साथ करीब 40 करोड़ के कंप्यूटर और लैपटॉप की बिक्री हुई। घर में इंटरनेट स्पीड बढ़ाने वाले उपकरण भी खरीदे गए। धनतेरस पर कारोबार उम्मीद के मुताबिक हुआ। चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि कोरोना को लेकर लोगों के जीवन और दिनचर्या में आए बदलाव का असर बाजार पर दिख रहा है।

मंगलवार को लोगों ने धनतेरस के साथ ही पूजन सामग्री की भी खूब खरीदारी की। हालांकि इस बार पूजन सामग्री के बाजार पर महंगाई का असर दिख रहा है। लक्ष्मी-गणेश की जो मूर्ति पिछले साल सौ रुपये में मिलती थी, इस बार उसका दाम 180 रुपये हो गया है। छोटी मूर्ति से लेकर बड़ी मूर्ति तक सौ से दो सौ रुपये की बढ़ोतरी हो गयी है। वहीं, मिट्टी के दीये की बात करें तो छोटे साइज का दीया एक रुपये की जगह दो रुपये में बिक रहा है। धनतेरस पर हर कोई झाड़ू खरीदता है। ऐसे में इस बार झाड़ू के भी दाम बढ़ गए हैं। जो झाड़ू पिछले साल 60 से 80 रुपये में मिला वही इस बार सौ से 120 रुपये तक में बिका।

धनतेरस पर बाजार में धन की बारिश हुई। सोना-चांदी, चारपहिया व दोपहिया वाहनों की बिक्री के सहारे भागलपुर का बाजार गुलजार रहा। इस दौरान लोगों ने सुबह से लेकर देर रात तक जमकर खरीदारी की। बाजार में इतनी अधिक भीड़ थी कि चंद कदम जाने में दस से 15 मिनट का समय लग रहा था। बहरहाल धनतेरस ने बाजार में उत्साह का संचार कर दिया। पिछले साल कोरोना के कारण बिक्री बुरी तरह प्रभावित रही। इस बार 450 करोड़ के आसपास का कारोबार हुआ। हालांकि इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों का साथ अगर मिला दिया जाए तो यह आंकड़ा 500 करोड़ को छू लेगा।