पटना

पटना: फिर बजेगी ऑनलाइन पढ़ाई की घंटी


      • स्मार्टफोन एवं एप्प करेंगे क्लासरूम टीचिंग की भरपाई
      • दूरदर्शन बिहार’ पर फिर बज सकती है पढ़ाई की घंटी

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में स्कूली बच्चों के लिए एक बार फिर ऑनलाइन पढ़ाई की घंटी बज सकती है। अगर ऑनलाइन पढ़ाई की घंटी बजी, तो बच्चे स्मार्ट फोन से पढ़ेंगे। संभव है कि बच्चों की पढ़ाई की घंटी फिर से दूरदर्शन पर भी बजे। बच्चे एप्प से भी पढ़ाई कर सकेंगे।

कोरोना से बिगड़े हालात को लेकर स्कूल-कॉलेज एवं कोचिंग सहित शिक्षण संस्थान फिलहाल 15 मई तक बंद किये गये हैं। अगर हालात सामान्य हुए, तो गर्मी की छुट्टी के बाद ही स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो पायेगी। इसके मद्देनजर  अगर स्कूली बच्चों की बात करें, तो  स्कूलों के क्लासरूम से इतर की पढ़ाई की वैकल्पिक संभावनाओं पर मंथन शुरू हो गया है। इस पर मंथन वर्ष 2020 के 13 मार्च से उत्पन्न हुई स्थिति के शैक्षिक अनुभवों पर किये जाने के संकेत मिले हैं।

कोरोना से बचाव के लिए वर्ष 2020 के 13 मार्च से जब स्कूल-कॉलेज एवं कोचिंग सहित शिक्षण संस्थान बंद किये गये थे, तो 20 अप्रैल, 2020 से ‘दूरदर्शन बिहार’ पर 1ली से 12वीं कक्षा के स्कूली बच्चों के लिए कक्षावार चरणबद्ध पढ़ाई की घंटी बजनी शुरू हुई थी। इसके तहत 1ली एवं 2री कक्षा के छात्र-छात्राओं की घंटी 55 मिनट की बजा करती थी, जो अपराह्न  तीन बज कर पांच मिनट से शुरू होकर चार बजे तक चलती थी। 3री से 5वीं कक्षा के बच्चों की पढ़ाई की घंटी भी 55 मिनट की ही बजा करती थी, जो अपराह्न चार बज कर पांच मिनट से शुरू होकर शाम पांच बजे तक चला करती थी।

दूसरी ओर 6ठी से 8वीं कक्षा की पढ़ाई की घंटी  58 मिनट की हुआ करती थी, जो सुबह नौ बज कर दो मिनट से 10 बजे तक चला करती थी। इससे इतर 9वीं एवं 10वीं कक्षा की घंटी 55 मिनट की हुआ करती थी, जो पूर्वाह्न 11 बज कर पांच मिनट से शुरू होकर 12 बजे दिन तक चला करती थी।  इसी प्रकार 11वीं एवं 12वीं कक्षा की घंटी भी 55 मिनट की ही चला करती थी, जो पूर्वाह्न 10 बज कर पांच मिनट से शुरू होकर 11 बजे दिन तक चला करती थी।

‘दूरदर्शन बिहार’ पर बजने वाली पढ़ाई की घंटी के साथ ही 1ली से 12वीं कक्षा के ही स्कूली बच्चों के लिए एक एप्प भी शुरू किया गया। इसे नाम दिया गया- विद्यावाहिनी बिहार एप्प। यह एप्प बिहार राज्य पाठ्यपुस्तक प्रकाशन निगम के स्तर से बना। इसकी खास बात यह थी कि 1ली से 12वीं कक्षा तक की पाठ्यपुस्तकों को पाठों में बांट कर ‘विद्यावाहिनी बिहार एप्प’ पर अपलोड किया गया। इससे स्मार्ट फोन वाले बच्चों की पढ़ाई तो आसान हुई ही, जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं थे, उन्हें भी अपनी सुविधानुसार अलग-अलग पाठों का प्रिंट लेकर पढ़ाई करने में सहूलियत हुई।

यह बात दीगर रही कि ‘दूरदर्शन बिहार’ पर बजने वाली घंटी की में वैसे बच्चे शामिल नहीं हो पाये, जिनके घर टी. वी. नहीं थे। बिना टी. वी. वाले घरों के बच्चों की तरह ही बिना स्मार्ट फोन वाले परिवारों के बच्चों तक भी ऑनलाइन पढ़ाई नहीं पहुंच पायी। हालांकि, शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों का दावा था कि तकरीबन साठ फीसदी बच्चों ने ‘दूरदर्शन बिहार’ पर बजने वाली घंटी से पढ़ाई की।