पटना

बच्चों को संक्रमण से निजात दिलाने में कारगर होगा पीकू वार्ड : मंगल


कोरोना की तीसरी लहर के लिए एसएनसीयू में 10 फीसदी बेड रिजर्व

पटना (आससे)। पीकू वार्ड बच्चों को संक्रमण से निजात दिलाने में कारगर होगा। यह दावा आज हिल्थ मीनिस्टर मंगल पांडेय ने किया। उन्होंने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों की विशेष देखभाल करने को स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है।

३५ जिलों व आठ मेडिकल कॉलेजों में संचालित विशेष नवजात इकाई में १० फीसदी बेड कोरोना संक्रमित बच्चों की देखभाल के लिए सुरक्षित किये गये हैं। साथ ही सभी बेड पर ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गयी है।

दूसरी तरफ राज्य के ११ जिलों सहित सभी मेडिकल कॉलेज सह अस्पतालों में निम्रित पीकू वार्ड भी नवजातों की आपातकालीन चिकित्सीय इलाज मुहैय्या कराने में सक्षम है। यही नहीं, पीकू वार्ड बच्चों को संक्रमण से निजात दिलाने में भी कारगर होंगे।

उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्तर पर कोरोना के बेहतर प्रबंधन के लिए आशा, आखा फैसिलेटर, एएनएम, आरबीएस के टीम, बीएचएम और बीबीएम को राष्अ्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केन्द्र, नयी दिल्ली द्वारा किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण २७ अगस्त तक पूरा हो जायेगा।

११ जिलों में पीकू वार्ड का संलानन हो रहा है, इसमें औरंगाबाद, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, जहानाबाद, नालंदा, नवादा, समस्तीपुर, सारण, सीवान और वैशाली शामिल हैं। इसके अलावा सभी मेडिकल कॉलेजों में भी पीकू वार्ड क्रियाशील हैं। जिन अस्पतालों में बच्चों के लिए पीकू वार्ड नहीं हैं, वहां नये वार्ड बनाने का काम हो रहा है। अस्पतालों में बेड के साथ आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा भी बढ़ेगी।

उच्चस्तीय चिकित्सकीय सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से मेडिकल कॉलेजों के शिशु रोग विशेषज्ञों को नयी दिल्ली में प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा जिलों मं पदस्थापित दो शिशु रोग विशेषज्ञ, छह मेडिकल ऑफिसर और १२ स्ऑफ नर्स को अस्पताल प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षण एम्स पटना की ओर से दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए संस्था एवं समुदाय दोनों स्तर पर समान रूप से तैयारी पूरी कर ली है।