पटना

पटना: बाढ़ से क्षति का जायजा लेकर लौटे सभी मंत्री


      • कोई प्रभावित न रहें सहायता से वंचित : श्रवण
      • पानी कमने के बाद होगा क्षति का सर्वे

(आज समाचार सेवा)

पटना। बाढ़ एवं अतिवृष्टि से हुई क्षति का जायजा लेकर नीतीश कैबिनेट के सभी मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों से बुधवार को राजधानी लौट गये हैं। सभी मंत्रियों ने माना है कि इस बार बाढ़ एवं समय पूर्व बारिस से बहुत बड़ी क्षति हुई है। अधिसंख्य किसानों ने धान का बिचड़ा तक नहीं लगा पाये हैं। जल निकासी की जो रफ्ïतार है उससे लगता है कि तेलहन और रबी फसल भी लगने के कम आसार हैं। अधिकांश नदियां खासकर गंगा, गंडक, बुढ़ी गंडक एवे नेपाल से निकलने वाले नदियों में अभी जलस्तर काफी ऊंचा है।

मूल रुप से जिलाधिकारियों से कहा गया है कि प्रत्येक बाढ़ पीडि़त को सरकारी प्रावधान के अनुसार सहायता मिलना चाहिए। इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी बरदास्त नहीं की जायेगी। जहां अभी भी लोग राहत कैंपों में शरण लिये हुए हैं उन्हें भोजन दिया जाये। जहां घरों में अभी भी पानी है उन्हें प्रति परिवार छह हजार की दर से सहाय्य राशि का भुगतान अभियान चलाकर करें। इसमें कोई भेदभाव नहीं होगा। अगर कहीं से गड़बड़ी मिलती है तो दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

समस्तीपुर से लौटने के बाद ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि इस जिले में भी बड़े पैमाने पर क्षति हुई है। एसओपी के अनुसार प्रभावितों के बीच राहत कार्य चलाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जैसे जैसे खेतों से पानी उतर रहा है वैसे-वैसे सर्वे कर रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा कर रखे हैं कि जो किसान खरीफ फसल गला चुके हैं उन्हें भी सहायता राशि दी जायेगी। इसलिये कोई किसान सहायता से बंचित न रहे। इस बात का ख्याल रखना होगा। बड़े पैमाने पर सडक़, पुल-पुलिया भी बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाढ़ का पानी निकलते हुए सभी क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जायेगा। जलजमाव वाले क्षेत्र में अभियान चलाकर ब्लिचिंग पाउडर का छिडक़ाव किया जायेगा।