पटना

पटना: मंत्री की गाड़ी रोकी, विपक्ष का हंगामा


      • फूटेज देखने के बाद होगी काररवाई : स्पीकर
      • डीएम-एसपी बड़ा या सरकार : जीवेश

(आज समाचार सेवा)

पटना। विधानसभा के अंदर गुरुवार को उस वक्त सनसनी फल गयी जब प्रश्नोत्तर काल के बीच श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार सूचना पर खड़ा होकर बोलने लगे, विधानसभा परिसर में मेरी गाड़ी को रोक दी गयी। डीएम-एसपी आ रहे थे। परिसर की बात थी इसलिए आप से कह रहे हैं। अगर बाहर यह वाक्या हुआ होता तो हम निपट लेते। जनप्रतिनिधियों को अपमानित किया जायेगा। अध्यक्ष महोदय कार्रवाई करें। तय करें कि डीएम-एसपी बड़ा है या सरकार। मंत्री के इमना कहते ही पूरा सदन उत्तेजित हो गया। संपूर्ण विपक्ष बेल में आकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नारेवाजी करने लगे। हालंाकि विधानसभा में भाजपा के नेता व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद उन्हें समझाने की कोशिश की परंतु मंत्री ने उन्हें झिडक़ दिया।

विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि  विधायकों की प्रतिष्ठा सर्वोपरि है। सदन की भावना को हम समझ रहे हैं। सदन की गरिमा भी रहेगी। सदन में सदस्यों के मान-सम्मान भी रहेगी। बेलगाम किसी को नहीं होने दिया जायेगा। परिसीमा की बात है। आसन से संरक्षण मांगा है। अपने स्तर दिखवा लीजिये। जिस स्तर दुर्व्यवहार किया गया उस पर जिम्मेवारी तय कर कार्रवाई की जायेगी।

उन्होंने कहा कि दोपहर सबा एक बजे कार्यमंत्रणा समिति और दलीय नेताओं की बैठक होगी उसमें निर्णय लिया जायेगा। बैठक हुई भी, लेकिन कोई खास नतीजा नहं निकल सका। तय यह हुआ कि डीजीपी और अपर मुख्य सचिव गृह की उपस्थिति में स्पीकर कक्ष में वीडियो कक्ष में सीसीटीवी फूटेज देखा जायेगा इसके बाद जिम्मेवारी तय कर कार्रवाई की जायेगी।

इधर सदन में संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सदन में मंत्री जी बड़े ही अहम भावना से आज परिसर में उनके साथ हुई घटना को रखा है। सबों ने सुना है। जो बातें बतायी है वह गंभीर मामला है। दलीय नेताओं व वरीय पदाधिकारियों की बैठक में सरकार की मंशा को दुहरायी जानी है। विधायक भी सरकार के अंग है। किसी की भावना आहत न हो सरकार की ऐसी मंशा है। सरकार की मंशा किसी की भावना को आहत करने की नहीं रहती है।

विपक्ष के मुख्य सचेतक ललित कुमार यादव ने कहा कि आसन निर्देश देती है कार्रवाई की। कार्यमंत्रणा समिति की बैठक पूरे मामले की जांच कर अनुशंसा करे उन पर कार्रवाई करें। कौन-कौन लोग डयूटी में थे उनकी जानकारी प्राप्त कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजित शर्मा ने कहा कि इससे बड़ा अपमान क्या हो सकता। मंत्री कह रहे हैं सदन को आश्वासन चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो पूरा बिहार माफ नहीं करेगा। कांग्रेस विधायक विजय शंकर दुबे ने कहा कि मंत्री के बयान के बाद बचता क्या है। सरकार आसन से निवेदन कर रहा है। माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि संसंदीय कार्य मंत्री शब्दों का जाल बुनने में महारत है। निरस को सरस बनाने में माहिर हैं। माले के अरुण कुमार सिंह ने कहा कि मंत्री के साथ ऐसी घटना हुई है तो विधायकों के साथ क्या होता होगा इसे सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

हंगामा थमते नहीं देखते स्पीकर ने १० मिनट के लिए कार्यवाही को स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही जब दूसरी बार शुरू हुई तो फिर हंगामा शुर हो गया। स्पीकर ने कहा कि न्याय मिलेगा। नियम के अनुसार कार्रवाई भी होगी। मंत्री के प्रति सहानुभूति है और सदन भी गंभीर है। गंभीरता को भी देखेंगे।

हंगामे के बीच ही प्रभारी वित्त मंत्री तारकिशेार प्रसाद ने ३१ मार्च २०२० को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए महालेखाकार वित्त लेखी की रिपोर्ट पेश की। इसके अलावा बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकार, बिहार लोकायुक्त की प्रतिवेदन, बिहार राज्य भंडार निगम, बिहार मद्य निषेध, उत्पाद निबंधन नियमावली २०१६ की प्रति तथा राजकीय आश्वासन समिति के प्रतिवेदन को सदन की पटल पर रखा गया।