गांव में घुसा पानी, शहर में बाढ़ का खतरा
पटना (आससे)। बिहार की राजधानी पटना पर एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। पटना में गंगा और पुनपुन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। पटना के गांधी घाट में गंगा खतरे के निशान से 34 सेंटीमीटर और हाथीदह में 29 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। पुनपुन नदी का जलस्तर बीते 24 घंटे में बढक़र पुनपुन घाट पर खतरे के निशान से करीब 156 सेंटीमीटर और श्रीपालपुर में 193 सेंटीमीटर उपर पहुंच गया।
सुरक्षा बांध में दरार से पटना को खतरा की आशंका पैदा हो गई है। पुनपुन नदी पर बना पटना सुरक्षा बांध में पहले भी रिसाव हो चुका है। पटना बाईपास के दक्षिण इलाके तक बाढ़ का पानी पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। डीएम सहित सिंचाई विभाग के अफसर बांध का निरीक्षण कर जरूरी इंतजाम में लगे हैं। फिलहाल पुनपुन नदी खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है। दरधा नदी के बाद अब पुनपुन से हो तबाही की आशंका जताई जा रही है। गंगा नदी में भी जलस्तर लगातार बढ़ते जा रहा है।
इसके बाद प्रशासन ने पटना की सुरक्षा के लिए बालू भरी बोरियों का स्टॉक रखना शुरू कर दिया है, वहीं मसौढ़ी और धनरूआ में बांधों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मसौढ़ी, पुनपुन और धनरुआ के इलाके में कई जगहों पर बांध के ऊपर से पानी बह रहा है। जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग की टीम बांधों की मरम्मत में जुट गई है। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सामुदायिक रसोई की सेवा शुरू कर दी गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार पटना जिले में सोन का जलस्तर स्थिर है, जबकि गंगा, पुनपुन, फल्गु और दरधा के जलस्तर में वृद्धि जारी है।
पटना जिले के मसौढ़ी, धनरूआ, संपतचक, फतुहा, खुसरूपुर और बख्तियारपुर के टाल और दियारा क्षेत्र में बाढ़ का पानी फैल रहा है। जिला प्रशासन ने बाढ़ संभावित क्षेत्र में बचाव-राहत के लिए सरकारी नाव, बांधों की मरम्मत और बाढ़ पीडि़तों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का निर्देश दिया है। राहत शिविर में दोनों शाम भोजन और बारिश के बचाव के लिए पालीथीन का प्रबंध किया है।
गंगा में लगातार हो रही जलवृद्धि का असर बुधवार को इलाके में देखने को मिला। भद्र घाट से लेकर महावीर घाट के बीच उफनती गंगा का पानी गंगा पाथ वे पर आ गया। इससे गंगा किनारे रह रहे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। सडक़ पर पानी आने के बावजूद भद्र घाट से लेकर कंगन घाट के बीच गंगा किनारे सडक़ पर वाहनों का परिचालन हो रहा है। इधर लगातार हो रही जलवृद्धि को देखते हुए अनुमंडल प्रशासन आवाजाही पर रोक लगाने की योजना बना रही है।
एसडीओ मुकेश रंजन ने बताया कि सम्बंधित थानाध्यक्षों को गंगा तट पर निगरानी रखने को कहा गया है। यदि आवश्यकता पड़ी तो गंगा किनारे सडक़ पर से वाहनों का परिचालन रोका भी जा सकता है। वहीं गंगा तटों पर बसे लोग निरन्तर गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि और नजर रख रहे हैं। जिससे कि स्थिति बिगडऩे के पहले ही सुरक्षित स्थानों पर जा सके।
लोगों का कहना है कि लगातार हो रही कटाव से पानी के भीतर गड्ढे बन गए हैं। इससे भी लोगों की परेशानी हो रही है। मां गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष मिथिलेश कुमार शर्मा ने बताया कि जलस्तर बढऩे से मां गंगा की आरती व पूजा अर्चना में भी दिक्कत हो रही है।