पटना

नालंदा के पश्चिमी इलाके यानी हिलसा और करायपरशुराय में बाढ़ का कहर अभी भी जारी


      • रहुई, बिंद और बेन में बाढ़ निरोधात्मक कार्य के तहत नदी और तटबंध मरम्मती का कार्य दिन-रात जारी
      • हिलसा-चिकसौरा पथ में हुए कटाव को भर कर सड़क को किया जा रहा है दुरुस्त
      • उदेरा स्थान बराज के 30 में से 24 गेट हुआ बंद जिससे पानी का दबाव घटा
      • फल्गु के अलावे सोईवा और जिराईन के उद्गम स्थल झारखंड के हजारीबाग, कोडरमा में फिर हुई तेज बारिश जिससे बढ़ सकता है नदी का जलस्तर

बिहारशरीफ (आससे)। जिले के पश्चिमी इलाके खासकर हिलसा और करायपरशुराय में अभी भी बाढ़ का कहर जारी है। कई गांव के लोग के घरों में अभी भी पानी घुसा है। कुछ इलाके में तो लोग छत और सड़क पर आशियाना बना रखे है। हालांकि पूर्वी इलाके में कुछेक स्थानों पर कटाव और अन्य कारणों से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी। लेकिन नदियों के जलस्तर कम होने तथा तटबंधों की मरम्मती आदि के बाद राहत मिली है।

रहुई एवं बिंद इलाके में तटबंधों का सुदृढ़िकरण का कार्य जोरों से चल रहा है। करायपरशुराय एवं हिलसा में भी सुरक्षात्मक कार्य चल रहे है, लेकिन पानी की अधिकता के कारण कार्य को गति नहीं मिल सकी है। हिलसा-रेड़ी-चिकसौरा-बांस बिगहा सड़क जो लोकाइन नदी के तेज बहाव के कारण कट गया था का मरम्मती कार्य जारी है। सड़क से बाढ़ का पानी भी उतरने लगा है। इसके साथ ही मरम्मती का कार्य भी जोर-शोर से चल रहा है।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष निःस्सरण प्रमंडल बिहारशरीफ द्वारा मिली जानकारी के अनुसार रहुई प्रखंड के हवनपुरा में पंचाने नदी से हुए कटाव वाले तटबंध को जोड़ दिया गया है और उसपर सुरक्षात्मक कार्य चल रहा है। इसकी सतत निगरानी की जा रही है, जबकि बिंद प्रखंड के अहियाचक में गोईठवा नदी के दायें तटबंध में बाढ़ संर्घषात्मक कार्य प्रगति पर है। बेन प्रखंड के ग्राम आंट के पास पैमार नदी के बायें तटबंध में बाढ़ संघर्षात्मक कार्य भी चल रहा है। जबकि रहुई के पंचाने नदी के ग्राम हवनपुरा के पास तटबंध में बाढ़ संघर्षात्मक कार्य दिन-रात जारी है। फ्लड लाइट लगाकर रात में भी तटबंध की मरम्मती की जा रही है।

जिले की नदियों के जलस्तर में भी कमी आयी है और अब प्रायः नदियां खतरे के निशान से नीचे है। हालांकि जिराईन नदी अभी भी कुलती के पास खतरे के निशान से उपर बह रही है। 03 अगस्त को सुबह 06 बजे से शाम 03 बजे के बीच नदियों के जलस्तर का जो रिपोर्ट है उसके अनुसार पैमार नदी का जलस्तर मालीसाढ़ के पास बढ़ रहा है। जबकि सकरी, पंचाने, गोईठवा, जिराईन, सोईवा तथा कुम्हरी नदी का जलस्तर स्थिर बताया गया है।

इधर उदेरा स्थान बराज में पानी का बहाव कम हुआ है। जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि उदेरा स्थान बराज का 30 में से 24 गेट बंद कर दिया गया है। मात्र 6 गेट ओपेन है। नदी का बहाव में कमी आयी है। मंगलवार को शाम 6 बजे 7613 क्यूसेक पानी बराज से छोड़ा गया है।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही फल्गु नदी जिसका उद्गम स्थल हजारीबाग और चतरा जिला रहा है में आज क्रमशः 19.50 तथा 1.70 मिमि बारिश हुई है। जबकि सकरी और पंचाने का उद्गम स्थल झारखंड का हजारीबाग, कोडरमा और गिरिडीह जिला रहा है। इन जिलों में क्रमशः 19.50, 14.30 तथा 4 मिमि बारिश होने की सूचना है। जबकि मानपुर, गया, गौगीसाइट रिवर में फल्गु का जलस्तर खतरे के निशान से पार रहा है।