करोड़ों के फर्जीवाड़े का खुलासा
(निज प्रतिनिधि)
पटना। वाणिज्यकर विभाग ने निरीक्षण के दौरान कई ठेकेदारों के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। विभाग ने एक सिंडिकेट में शामिल ठेकेदारों का निरीक्षण किया, जो फर्जी खरीद के आधार पर करोड़ों रुपये के राजस्व की अपवंचा में संलिप्त थे। इस सिंडिकेट का किंगपिन गया में था। उसने दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश के दो फर्मों से लगभग 72 करोड़ रुपये का फर्जी खरीद दर्शा रखा था।
विभागीय कार्रवाई में गया की यह फर्म अस्तित्वहीन तथा बोगस पायी गयी। गया के इस अस्तित्वहीन फर्म ने राज्य की लगभग 131 फर्मों को बिटुमिन, सीमेंट आदि की बिक्री दर्शा रखी है। वाणिज्यकर आयुक्त सह सचिव के निर्देश पर गठित दलों के द्वारा 12 फरवरी को गया में तीन, पटना में चार, सुपौल में एक और बेगूसराय में दो कुल 10 स्थानों पर ठेकेदारों के विरुद्ध निरीक्षण कार्रवाई की गई। इसमें गया की उक्त बोगस फर्म करोड़ों रुपये की खरीद दर्शा रखी थी।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि ऐसी 10 फर्मों ने गया कि फर्जी फर्म से करीब 48 करोड़ की कागजी खरीद दर्शा रखी थी। जांच के दौरान पाया गया कि बिटुमिन की न तो वास्तविक आपूर्ति हुई और न ही किसी रकम का भुगतान हुआ। जांच के क्रम में पया गया कि पटना की एक फर्म द्वारा कर एवं ब्याज का कुल 52 लाख रुपये तत्काल भुगतान भी कर दिया गया, जबकि एक फर्म द्वारा 20 लाख रुपये का आंशिक भुगतान किया गया।
आयुक्त सह सचिव ने बताया कि इस सिंडिकेट में शामिल सभी ठेकेदारों के विरुद्ध विभाग द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी और कर भुगतान नहीं किये जाने की स्थिति में अरेस्ट करने जैसे कमद भी उठाए जा सकते हैं।