पटना

पटना: विद्यालयों-विश्वविद्यालयों में होगी शिक्षकों की नियुक्ति


      • होगी पूर्णकालिक प्रधानाध्यापकों की बहाली
      • शैक्षिक सत्र के प्रारंभ में ही बच्चों को मिलेंगे किताब-पोशाक
      • 6ठी कक्षा से होगी कम्प्यूटर की पढ़ाई
      • चलेंगे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कार्यक्रम
      • बचे हुए सभी उच्च विद्यालयों के भवन बनेंगे
      • विकसित होगी डिजिटल काउंसलिंग की प्रणाली

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में विद्यालयों से लेकर विश्वविद्यालयों सहित सभी शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के खाली पदों पर चरणबद्ध तरीके नियुक्ति की प्रक्रिया वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रारंभ की जायेगी। मिडिल स्कूलों से लेकर प्लस-टू स्कूलों तक में पूर्णकालिक प्राचार्यों की नियुक्ति होगी। नयी शिक्षा नीति भी क्रमिक रूप से वित्तीय वर्ष 2021-22 से लागू होगी। स्कूली बच्चों को शैक्षिक सत्र के प्रारंभ में ही पाठ्यपुस्तक एवं पोशाक मिलेंगे।

ये प्रावधान राज्य बजट में किये गये हैं। इसके मुताबिक डिजिटल बिहार कार्यक्रम के तहत 6ठी कक्षा से ही छात्र-छात्राओं के लिए कम्प्यूटर शिक्षा एवं उसके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। यह वित्तीय वर्ष 2021-22 से लागू होगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कार्यक्रम चलाये जायेंगे। नयी शिक्षा नीति और आत्मनिर्भर बिहार के लिए सात निश्चय-दो में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर बल दिया गया है।

जिन शिक्षण संस्थानों में आवश्यकता के अनुरूप आधारभूत साधन नहीं हैं, ऐसे सभी शिक्षण संस्थानों में पर्याप्त आधारभूत संरचना का निर्माण वित्तीय वर्ष 2021-22 में होगा। बचे हुए सभी उच्च विद्यालयों में भवन निर्माण कार्य भी कराये जायेंगे।

केंद्र सरकार द्वारा ‘प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम-राष्ट्रीय शिक्षा मिशन’ के अंतर्गत साक्षर भारत अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष वित्तीय वर्ष 2021-22 से ‘शिक्षक प्रशिक्षण तथा प्रौढ़ शिक्षा सहित शैक्षणिक विकास के लिए सहायता कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इसके तहत साक्षर भारत योजना चलायी जायेगी। इसके अंतर्गत केंद्रांश और राज्यांश मद में कुल 60.13 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।

वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा के लिए 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) की प्राप्ति हेतु आवश्यक काररवाई की जायेगी। विदेश में अध्ययन के लिए इच्छुक छात्र-छात्राओं हेतु डिजिटल काउंसलिंग की प्रणाली विकसित की जायेगी। भारत सरकार 2021-22 के बजट में बजट में ‘राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन’ प्रारंभ कर रही है। इससे शासन एवं नीति से संबंधित सभी ज्ञान को भारत के प्रमुख भाषाओं में इंटरनेट पर उपलब्ध कराया जायेगा। इससे राज्य सरकार जुड़ेगी।

वित्तीय वर्ष 2021-22 में शिक्षा विभाग का स्कीम मद में 21939.03 करोड़ रुपये तथा स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय 16096.90 करोड़ रुपये कुल प्राक्कलन 38035.93 करोड़ रुपये है। प्रावधान के तहत शतप्रतिशत साक्षरता एवं माध्यमिक शिक्षा के सर्वव्यापीकरण का लक्ष्य 2030 तक प्राप्त करना है।

इसमें कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ति को संविधान में प्रदत्त अधिकार, कर्तव्य तथा प्रावधानों की जानकारी हो और यह प्रारंभिक शिक्षा से ही हो, तो अच्छा है। इसलिए सभी छात्र-छात्राओं को भारतीय संविधान (धारा एवं अनुच्छेद) से संबंधित प्रावधान की शिक्षा अनिवार्य रूप से दी जायेगी। बजट के मुताबिक उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहन देने हेतु इंटर उत्तीर्ण अविवाहित बालिकाओं को 10 हजार से बढ़ा कर 25 हजार रुपये एवं स्नातक उत्तीर्ण महिलाओं को 25 हजार से बढ़ा कर 50 हजार रुपये की राशि की गयी है।