पटना

पटना: शिक्षक भडक़े, आदेश वापसी को अड़े


(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। शिक्षा विभाग के उस आदेश से शिक्षक भडक़ गये हैं, जिसमें उन्हें चोरी-छुपे शराब पीने या शराब की आपूर्ति करने वालों की सूचना देने के लिए कहा गया है। शिक्षक संगठनों ने शिक्षा विभाग से कहा है कि अपना आदेश तत्काल प्रभाव से वापस ले। शिक्षक संगठन रविवार को आदेश की प्रतियां जलायेंगे।

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव को पत्र लिख कर इस आदेश को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने को कहा है। संगठन के महासचिव श्री सिंह एवं प्रभारी महासचिव विनय मोहन ने कहा है कि बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ प्रारंभ से ही शराबबंदी एवं नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करने जैसे अभियानों में अग्रगामी भूमिका लगातार अदा कर रहा है, इससे अधिक कर्तव्य के निर्वहन में विभाग द्वारा अनावश्यक तनाव उत्पन्न नहीं किया जाना चाहिये। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में शिक्षकों को तमाम गैरशैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखना चाहिये।

बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार, महासचिव नागेंद्रनाथ शर्मा एवं प्रवक्ता प्रेमचंद्र ने अपर मुख्यसचिव के आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आग्रह मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से किया है, ताकि शिक्षक मान-सम्मान के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें।

टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) ने कहा है कि आदेश वापस नहीं लिया गया, तो रविवार को जिलों में इसकी प्रतियां जलायी जायेंगी। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक एवं प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया पत्र शिक्षा का अधिकार अधिनियम एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना है जिसमे यह अंकित है कि शिक्षकों को जनगणना, आपदा एवं निर्वाचन के अतिरिक्त किसी अन्य कार्य में नही लगाया जा सकता है। संगठन के प्रदेश सचिव अमित कुमार, नाजिर हुसैन, शाकिर ईमाम, संजीत कुमार गुड्डू ने आदेश अविलंब वापस लेने की मांग की है।


शिक्षकों को कोई टारगेट नहीं दिया गया

पटना (आशिप्र)। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने साफ किया है कि चोरी-छुपे शराब पीने या शराब की आपूर्ति करने वालों की सूचना देने के लिए शिक्षकों को कोई टारगेट नहीं दिया गया है। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया है कि इसे निहित स्वार्थ वाले अगर तूल दे रहे हैं, तो उनके झांसे में नहीं आयें।

शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने शनिवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा है कि शिक्षकों को किसी प्रकार का टारगेट नहीं दिया गया है कि आप हफ्ता में इतनी सूचना दीजिये। शिक्षकों से सिर्फ यह कहा गया है कि अगर आपके संज्ञान में आता है, तो सूचना दीजिये, जो एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में वैसे भी उनकी ड्यूटी थी। यह तो सिम्पली रिमाइंडर ऑफ ड्यूटीज है।

यह पूछने पर कि क्या इससे पढ़ाई में बाधा नहीं आयेगी, शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने सवालिया लहजे में कहा कि इससे भला पढ़ाई में क्या बाधा आयेगी। आप ही सोच कर बताइये न कि, क्या बाधा आयेगी। यही सब बोल कर कंïफ्यूजन क्रियेट किया जाता है।

शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने शिक्षकों से अनुरोध किया है कि अगर कोई निहित स्वार्थ वाले इसे अनावश्यक तूल दे रहे हैं, तो उसमें फंस कर शराबखोरी करने वाले, शराब का व्यापार करने वाले उन लोगों के लपेटे में न आयें। 


बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल सिंह ने कहा कि रविवार को सभी प्रखंड मुख्यालयों में पुतला दहन करते हुए शिक्षक आदेश को तुरंत वपास लेने की माँग करेंगे। कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि शिक्षकों को राष्ट्रीय जनगणना, चुनाव और आपदा के कार्य के अलावे किसी भी गैरशैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जा सकता है। शिक्षक नशामुक्ति अभियान का पूर्ण समर्थन करते है, लेकिन वे इसके लिए मुखविरी नहीं करेंगे। इसके लिए राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन चलायेंगे।

टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ बिहार के प्रदेश संयोजक राजू सिंह ने कहा कि आदेश शीघ्र वापस नहीं लिया गया, तो शिक्षक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। संगठन ने कहा है कि शिक्षकों से मुखबिरी कराना दुर्भाग्यपूर्ण है। शिक्षकों को अपने मूल कार्य पठन-पाठन के अलावा गैर-शैक्षणिक कार्यों लगया जाना बंद होना चाहिये।

बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने आदेश की वापसी की मांग करते हुए कहा है कि रविवार को अपर मुख्यसचिव के आदेश की प्रतियां जलायी जायेंगी। परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश कार्यकारी संयोजक नवनीत कुमार एवं प्रदेश संगठन महामंत्री शिशिर कुमार पाण्डेय ने आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की मुख्यमंत्री से की है। टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम एवं प्रदेश महासचिव उदय शंकर सिंह ने भी आदेश की वापसी की मांग की है।