पटना

पटना: सर्टिफिकेट अपलोड नहीं, तो नौकरी जायेगी


विजिलेंस जांच से छूटे 89,868 शिक्षकों को 20 तक मौका

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में सर्टिफिकेट जांच से छूटे हुए पंचायतीराज व नगर निकाय शिक्षकों की संख्या 89,868 है। ऐसे शिक्षकों पर शिक्षा विभाग के वेब पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने का शिकंजा कस गया है। सर्टिफिकेट अपलोड करने करने की मियाद सोमवार से शुरू हो गयी है। 20 जुलाई तक सर्टिफिकेट अपलोड नहीं करने वाले शिक्षकों की नौकरी जायेगी।

राज्य के 38 जिलों में सिर्फ चार जिले ऐसे हैं, जहां के शतप्रतिशत शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच के लिए विजिलेंस को मिल चुके हैं। इन चार जिलों में अरवल, किशनगंज, मधेपुरा एवं मुंगेर शामिल हैं। बाकी 34 जिलों के जिन 89,868 शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच के लिए विजिलेंस को नहीं मिले हैं, उनमें सर्वाधिक 14,334 शिक्षक पूर्वी चंपारण जिले के हैं। दूसरे स्थान पर सिवान जिला है, जहां के 10,632 शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच के लिए विजिलेंस को नहीं मिले हैं। पटना जिले की बात करें, तो जिले के 2,824 शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच के लिए विजिलेंस को नहीं मिले हैं।

जिलावार बात करें, तो अररिया के 4,020, औरंगाबाद के 1,971, बांका के 116, बेगूसराय के 1,517, पश्चिम चंपारण के 1,850, भागलपुर के 2,532, भोजपुर के 3,397, बक्सर के 1,337, दरभंगा के 3,461, गया के 3,023, गोपालगंज के 1,382, जमुई के 1,903, जहानाबाद के 1,453, कैमूर के 1,897, कटिहार के 310, खगडिय़ा के 2,014, लखीसराय के 1,075, मधुबनी के 3,400, मुजफ्फरपुर के 3,770, नालंदा के 1,577, नवादा के 5,120, पूर्णिया के 95, रोहतास के 3,217, सहरसा के 92, समस्तीपुर के 3,542, सारण के 1,872, शेखपुरा के 116, शिवहर के 325, सीतामढ़ी के 508, सुपौल के 4,685 एवं वैशाली के 498 शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच के लिए विजिलेंस को नहीं मिले हैं।

ऐसे शिक्षकों को वेब-पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने के लिए 21 जून से 20 जुलाई तक का समय दिया गया है। उल्लेखनीय है कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा सीडब्लूजेसी संख्या- 15459/2014 में पांच दिसंबर, 2016 को पारित आदेश के अनुपालन में पंचायतीराज संस्थान एवं नगर निकाय संस्थान के अंतर्गत वर्ष 2006 से 2015 की अवधि में नियुक्त सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की जा रही है। न्यायादेश के आलोक में साढ़े चार वर्ष बाद भी सभी शिक्षकों का प्रमाण पत्र का फोल्डर जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय द्वारा निगरानी विभाग को जांच के लिए उपलब्ध नहीं कराया गया है।

ऐसे शिक्षक, जिनके प्रमाण पत्र से संबंधित फोल्डर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा अद्यावधि उपलब्ध नहीं कराया गया है, के प्रमाण पत्र से संबंधित फोल्डर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए अंतिम वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शिक्षा विभाग द्वारा एक वेब पोर्टल तैयार किया गया है। वेब पोर्टल पर जिलावार वैसे  शिक्षकों की सूची अपलोड की गयी है, जिनकी नियुक्ति से संबंधित अभिलेख जांच के लिए निगरानी विभाग को उपलब्ध कराया जाना है।

इसके मद्देनजर वर्ष 2006 से 2015 की अवधि में पंचायतीराज संस्थान एवं नगर निकाय संस्थान के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि शिक्षा विभाग के वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से जिलावार अपलोड किये गये शिक्षकों के नाम की सूची का सावधानीपूर्वक अवलोकन करें। उसमें जिन शिक्षक का नाम अंकित है, वे उसी पोर्टल पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से अपना निबंधन करेंगे।

निबंधन के उपरांत प्राप्त यूजर आईडी एवं पासवर्ड से लॉग-इन कर पोर्टल में उपलब्ध प्रपत्र में आवश्यक सूचना का अंकन करते हुए प्रपत्र में अंकित मूल प्रमाण पत्रों यथा मैट्रिक का अंकपत्र एवं प्रमाण पत्र, इंटर का अंकपत्र एवं प्रमाण पत्र, स्नातक का अंकपत्र एवं प्रमाण पत्र, शिक्षक प्रशिक्षण का अंकपत्र एवं प्रमाण पत्र, दक्षता परीक्षा अथवा टीईटी उत्तीर्णता प्रमाण पत्र, अनुभव प्रमाण पत्र (20 प्रतिशत वेटेज हेतु), मेधासूची, नियुक्ति पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र का स्कैन कॉपी 21 जून से 20 जुलाई तक की अवधि में निश्चित रूप से अपलोड करेंगे।

निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत सर्टिफिकेट अपलोड नहीं करने वाले शिक्षकों के संबंध में यह माना जायेगा कि नियुक्ति की वैधता के संबंध में उन्हें कुछ नहीं कहना है। उनकी नियुक्ति को प्रथम दृष्टया अवैध मानते हुए नियमानुसार संबंधित नियोजन इकाई के माध्यम से सेवा समाप्त करने की काररवाई की जायेगी एवं उनके द्वारा नियत वेतन व वेतनमान के रूप में प्राप्त राशि की वसूली लोकमांग वसूली अधिनियम प्रावधान के तहत की जानी है।