पटना

पटना: हजारों छात्र-छात्राओं को वजीफा


      • आवेदनों के सत्यापन को बनेगी अधिकारियों की टीम
      • पोर्टल पर आवेदन देने की अंतिम तिथि बढऩे के आसार

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग के हजारों छात्र-छात्राओं को प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति मिलेगी। खास बात यह है कि तीन वर्षों की प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति एक साथ मिलेगी।

जिन तीन वर्षों की प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति एक साथ मिलने वाली है, उनमें वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 शामिल हैं। तीनों वर्षों की प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना का क्रियान्वयन राज्य स्तर पर विकसित पोर्टल पीएमएसपी के माध्यम से किया जा रहा है। आपको याद दिला दूं कि इस पोर्टल का शुभारंभ शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा किया गया है। अब माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा सभी जिलों को शिक्षा विभाग एवं कल्याण विभाग के अधिकारियों एवं तकनीकी कर्मियों को एनआईसी के माध्यम से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये पोर्टल को हैंडल करने की ट्रेनिंग दी जायेगी।

प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 हेतु पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर है, लेकिन यह तिथि इसलिए बढ़ेगी कि आवेदन देने की गति धीमी है। राज्य के बाहर एवं अंदर अवस्थित संस्थानों के लिए ऑनलाइन प्राप्त आवेदन के सत्यापन हेतु वर्ष 2018-19 की भांति दो सदस्यीय टीम गठित की जायेगी। इसमें शिक्षा विभाग एवं कल्याण विभाग के एक-एक अधिकारी होंगे। इन अधिकारियों के बीच पहले की तरह ही आवंटित राज्य, जिला एवं संस्थान को आधार मान कर टीम का गठन किया जायेगा।

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एसएसए) कार्यालय द्वारा ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने के बाद प्रारंभिक अवस्था में ही आवेदनों की स्क्रीनिंग प्रारंभ करेंगे, ताकि योजना का क्रियान्वयन ससमय सुनिश्चित सुनिश्चित किया जा सके। मान्यता प्राप्त सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों का पोर्टल पर पंजीकरण हेतु सभी जिलाधिकारी, विश्वविद्यालयों के कुलसचिव एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी जिम्मेदार बनाये जायेंगे। राज्य स्तर पर प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के लिए एक नोडल पदाधिकारी एवं एक सहायक कम्प्यूटर प्रोग्रामर तैनात किये जायेंगे।

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति के लिए विद्यार्थी की वार्षिक पारिवारिक आय ढ़ाई लाख रुपये से बढ़ा कर तीन लाख रुपये तक केंद्र द्वारा की गयी है। इसी प्रकार पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत पूर्व से निर्धारित वार्षिक आय की अधिसीमा को संशोधित किया गया है।