पटना

पटना: 42,902 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी


      • 25 के पहले भी बांटे जा सकते हैं नियुक्ति पत्र
      • सर्टिफिकेट की जांच की स्थिति की समीक्षा कल

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में छठे चरण में प्रारंभिक शिक्षक पद के लिए चयनित 42,902 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। तैयारी 25 फरवरी को नियुक्ति पत्र बांटने की है। लेकिन, अगर चयनित अभ्यर्थियों के टीईटी-सीटीईटी सर्टिफिकेट की जांच अगर पहले पूरी हो गयी, तो नियुक्ति पत्र 25 फरवरी के पहले भी बांटे जा सकते हैं। चयनित अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच रिपोर्ट जिलों से शिक्षा विभाग को मिल गयी है।

रिपोर्ट के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को 12 फरवरी तक का समय दिया गया था। यह मियाद शनिवार को पूरी हो गयी। अब, चयनित अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच की स्थिति की समीक्षा शिक्षा विभाग द्वारा सोमवार को की जानी है। अपर मुख्यसचिव की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये होने वाली समीक्षा बैठक को लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक द्वारा सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को निर्देश दिये गये हैं।

उसमें चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन की स्थिति के साथ ही जिन मुद्दों की समीक्षा होनी है, उसमें शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक के पदों का उपावंटन, 14 मार्च से 16 मार्च तक आयोजित विशेष चक्र के काउंसलिंग की तैयारी, 34540 कोटि के शिक्षकों के प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन  एवं निजी विद्यालयों के ई-संबंधन की अद्यतन स्थिति शामिल है।


प्लस-टू स्कूलों का होगा कायाकल्प

पटना (आशिप्र)। राज्य में सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालयों का कायाकल्प होगा। शिक्षकों के तमाम खाली पद भरे जायेंगे। आधारभूत संरचना का विकास होगा। राज्य में हर पंचायत में कम से कम एक उच्च माध्यमिक विद्यालय खोलने की राज्य सरकार की योजना के तहत अब एक भी पंचायत उच्च माध्यमिक विद्यालय विहीन नहीं हैं। इसके साथ ही राज्य में उच्च माध्यमिक विद्यालयों की संख्या बढ़ कर 9,346 हो गयी है।

उच्च माध्यमिक विद्यालयों को ऐसा बनाने की तैयारी है कि उसमें पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को कॉलेज का माहौल मिले। इसके लिए उच्च माध्यमिक विद्यालयों के कैम्पस आकर्षक बनाये जायेंगे। पुस्तकालय-प्रयोगशाला बेहतर बनाये जायेंगे। खेल के मैदान का विकास होगा। माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों में जो मिडिल स्कूल उत्क्रमित कर उच्च माध्यमिक विद्यालय बनाये गये हैं, में अतिरिक्त वर्गकक्ष बन रहे हैं। ऐसे जिन स्कूलों  के पास भूमि उपलब्ध नहीं है, के बहुमंजिले भवन बनेंगे।

आने वाले दिनों में सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों के पास कम से कम 16 कमरे होंगे। खेल के मैदान के विकास पर लाखों रुपये खर्च होंगे। प्रत्येक स्कूल के प्रत्येक प्रयोगशाला पर एक लाख बीस हजार रुपये खर्च की योजना है।


आपको याद दिला दूं कि शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी की पहल पर राज्य में छठे चरण में 90, 762 प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए तीन चक्र में काउंसलिंग हो चुकी है। पहले चक्र में उन नियोजन इकाइयों के लिए काउंसलिंग हुई, जिनमें छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों के आवेदन नहीं पड़े थे। दूसरे चक्र में उन नियोजन इकाइयों के लिए काउंसलिंग हुई, जिनमें छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों के आवेदन पड़े थे। पहले चक्र की काउंसलिंग गत पांच जुलाई से शुरू होकर 12 जुलाई तक हुई। इससे इतर दूसरे चक्र की काउंसलिंग गत दो अगस्त से शुरू होकर 13 अगस्त तक चली। दो चक्र की काउंसलिंग में ऐसी भी नियोजन इकाइयां रहीं, जिनकी काउंसलिंग या तो स्थगित हुई या रद्द हुई। ऐसे तकरीबन 1,368 नियोजन इकाइयों के 12,495 पदों के लिए तृतीय चक्र की काउंसलिंग 17 जनवरी से 28 जनवरी तक हुई।

तीनों चक्र की काउंसलिंग में 42,902 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिन्हें उनके टीईटी या सीटीईटी के सर्टिफिकेट की जांच के आधार पर नियुक्ति पत्र दिया जाना है। दरअसल, चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के पहले उनके तमाम शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक सर्टिफिकेट की जांच कराये जाने के प्रावधान हैं। लेकिन, शिक्षक पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक सर्टिफिकेट दूसरे प्रदेशों के भी हैं। इससे सर्टिफिकेट की जांच में समय लगने की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। ऐसे में इससे चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिलने में भी विलंब होगा। इससे बचने के लिए ही चयनित अभ्यर्थियों को उनके टीईटी या सीटीईटी के सर्टिफिकेट की जांच के आधार पर ही नियुक्ति पत्र देने की तैयारी है।