पटना

पटना: 80 हजार स्कूलों में आज से प्रवेशोत्सव


      • हर स्कूल से निकलेगी प्रभातफेरी, राजधानी में शिक्षा मंत्री करेंगे अगुआई
      • टोलियों में नाचते-गाते कलाकार 17 तक चलायेंगे जागरूकता अभियान
      • 20 तक चलने वाले नामांकन अभियान में 1ली से 9वीं कक्षा में दाखिला

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के तकरीबन 80 हजार सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 1ली से 9वीं कक्षा में विशेष नामांकन अभियान ‘प्रवेशोत्सव’ सोमवार से शुरू हो रहा है। प्रवेशोत्सव की शुरूआत राज्य भर में सोमवार को  सबेरे प्रभातफेरी से होगी। स्कूलों से प्रभातफेरियां एक साथ निकलेंगी।

यहां राजधानी पटना में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी की अगुआई में सबेरे सात बजे अदालतगंज कन्या मध्य विद्यालय से प्रभातफेरी निकलेगी, जो तारामंडल, डाकबंगला चौराहा एवं गांधी मैदान स्थित जे. पी. गोलम्बर होते हुए ए. एन. सिन्हा इंस्टीच्यूट तक जायेगी। इसमें स्कूली बच्चों के साथ ही शिक्षा विभाग के तमाम उच्चाधिकारी भी शामिल होंगे। प्रभातफेरी के समापन पर शिक्षा मंत्री पटना जिले के कला जत्थे के कलाकारों को झंडी दिखा कर रवाना करेंगे।

इससे इतर राज्य भर में स्कूलों से निकलने वाली प्रभातफेरी में विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य, शिक्षक, जनप्रतिनिधि, जीविका दीदी, टोला सेवक, तालिमी मरकज के स्वयंसेवक एवं शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे। हर स्कूल की प्रभातफेरी के आगे प्रवेशोत्सव को लेकर उसका बैनर होगा। प्रभातफेरियां अपने-अपने स्कूलों के पोषक क्षेत्रों से गुजरेंगी।

प्रभातफेरियों के बाद हर स्कूल के बैनर उसके मुख्य द्वार पर टंगेंगे। संकुल स्तर से भी प्रभारफेरियां निकलेंगी। उसमें संकुल संसाधन केंद्र समन्वयक के साथ ही विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य, शिक्षक, जनप्रतिनिधि, जीविका दीदी, टोला सेवक, तालिमी मरकज के स्वयंसेवक एवं शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

प्रवेशोत्सव के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए सोमवार से ही टोलियों में नाचते-गाते कलाकार भी निकलेंगे। हर जिले के कला जत्थे के कलाकार 17 मार्च तक घूम-घूम कर नाटक, गीत, संगीत का प्रदर्शन करेंगे। हर कला जत्थे में 10 कलाकार होंगे। कलाकारों में अभिनेता, अभिनेत्री, वादक, गायक शामिल होंगे। सभी कलाकार एक तरह के परिधान में सजी हुई गाड़ी से भ्रमण करेंगे एवं प्रतिदिन कम-से-कम तीन स्थलों पर प्रस्तुतियां देंगे। 10 से कम प्रखंड वाले जिले के लिए एक दल, 10 से 20 प्रखंड वाले जिले के लिए अधिकतम दो दल एवं 20 से अधिक प्रखंड वाले जिले के लिए अधिकतम तीन दल होंगे। हर दिन एक दल के कलाकारों की तीन प्रस्तुतियां होंगी।

प्रवेशोत्सव के तहत 1ली से 9वीं कक्षा में स्कूलों में 10 मार्च से नामांकन प्रारंभ हो जायेगा। छह वर्ष के बच्चों का नामांकन 1ली कक्षा में होगा। अनामांकित एवं छीजित बच्चे 15 मार्च तक नामांकित कराये जायेंगे। 5वीं तक की शिक्षा प्राप्त कर चुके बच्चों का नामांकन प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक नजदीक के मध्य विद्यालय में करायेंगे। इसी प्रकार 8वीं तक की शिक्षा प्राप्त कर चुके बच्चों का नामांकन मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक नजदीक के उच्च विद्यालय में करायेंगे।

20 मार्च तक चलने वाले प्रवोत्सव के लिए हर जिले में जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी है। उसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रारंभिक शिक्षा व समग्र शिक्षा अभियान, माध्यमिक शिक्षा तथा आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और जीविका के डीपीएम शामिल किये गये हैं। इसमें पूर्ण सामुदायिक सहयोग के लिए विद्यालय शिक्षा समिति के साथ पोषक क्षेत्र के शिक्षा सेवक, तालिमी मरकज, आंगनबाड़ी सेविका एवं जीविका समूह का आपस में समन्वय की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक को दी गयी है।

प्रवेशोत्सव के प्रचार-प्रसार के लिए प्रभातफेरी, माइकिंग, साइकिल रैली, कला जत्था एवं सोशल मीडिया के माध्यम से गांव-टोले के हर घर तक जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। छह वर्ष के बच्चे के 1ली कक्षा में नामांकन के लिए आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी एवं शिक्षा सेवक उन्हें विद्यालय लाने में सहयोग करेंगे।

16 मार्च को विद्यालय शिक्षा समिति की बैठक होगी, जिसमें किसी भी कारण से नामांकन से छूट गये बच्चों की पहचान सुनिश्चित कर उनके  दाखिले के लिए समुदाय से सम्पर्क किया जायेगा। इसकी मॉनीटरिंग जिला शिक्षा पदाधिकारी करेंगे। जिला स्तर पर विद्यालयवार नामांकन का लक्ष्य है।

20 मार्च के बाद प्रधानाध्यापक यह प्रमाणपत्र देंगे कि उनके विद्यालय के पोषक क्षेत्र में कोई भी बच्चा अनामांकित नहीं है। 9वीं कक्षा में दाखिले के लिए एसएलसी जरूरी है। उसके नीचे की कक्षाओं में अभिभावक के घोषणापत्र के आधार पर उम्र सापेक्ष कक्षा में बच्चों का नामांकन होगा।