नई दिल्ली, : हाल ही में रिलीज हुए शाह रुख खान की फिल्म पठान के गाने बेशर्म रंग पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। गाने के रिलीज होने के बाद से लोग मेकर्स अपनी धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा रहे हैं और पठान को बेन करने की मांग कर रहे हैं। इस सबके इतर अब जानकारी आ रही है कि शाह रुख खान अपनी फिल्म डंकी की शूटिंग के लिए जबलपुर स्थित भेड़ाघाट पहुंचे थे, जहां उन्हें भारी विरोध का समाना करना पड़ा और अपनी शूटिंग बंद करना पड़ा।
समाचार वेबसाइट ईटाइम्स की खबर के अनुसार, शाह रुख खान हाल ही में जबलपुर स्थित भेड़ाघाट पर अपनी अपकमिंग फिल्म डंकी की शूटिंग के लिए पहुंचे थे। भेड़ाघाट पर उनकी शूटिंग करने की जानकारी लोगों को मिलने के बाद वहां प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा हो गई, जिसके चलते फिल्म की शूटिंग को रोकना पड़ा। खबर की मानें तो प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में काले रंग सहित कई रंग के झंडे लिए हुए थे और उन्होंने अभिनेता के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए फिल्म के सेट पर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। वहीं, प्रदर्शनकारियों को भीड़ के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शूटिंग स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
पवित्र नर्मदा किनारे नहीं करने देंगे शूटिंग
भीड़ ने आगे कहा कि पवित्र नर्मदा के घाट पर इस प्रकार की फिल्मों की शूटिंग को बंद किया जाना चाहिए और अब इस पूरे शूटिंग स्थल को गोमूत्र छिड़क कर शुद्ध किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने शाह रुख खान पर आरोप लगाते हुए कहा कि पठान के एक गाने में निर्माताओं ने भगवा रंग को आपत्तिजनक स्थिति में पेश किया है, जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
क्या है मामला
आपको बता दें कि शाह रुख खान और दीपिका पादुकोण पर फिल्माया सॉन्ग बेशर्म रंग बीते हफ्ते रिलीज हुआ, जिसमें दीपिका को कई अलग-अलग रंगों के कपड़े में रोमांस करते हुए दिखाया गया है। हालांकि कुछ संगठनों ने निर्माताओं पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जानबूझकर एक विशेष रंग की बिकिनी में दीपिका को आपत्तिजनक रूप में दिखाया है, जिसमें हमारी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
मुकेश खन्ना ने भी किया विरोध
इंडस्ट्री के फेमस अभिनेता मुकेश खन्ना ने भी ‘बेशर्म रंग’ पर आपत्ति जताई है। उन्होंने सेंसर बोर्ड पर सवाल उठाए हैं। मुकेश खन्ना ने कहा भारत अभी स्पेन नहीं बना है, जो इस तरह के गाने फिल्माए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘क्या इस गाने को बनाने वाले को पता नहीं कि नारंगी रंग एक धर्म और संप्रदाय के लिए बहुत मायने रखता है। यह बहुत संवेदनशील है। हम उसे भगवा कहते हैं जो शिवसेना के झंडे में भी है और आरएसएस में भी। अगर उन्हें यह सब पता है तो इस गाने को बनाने वाले ने क्या सोच कर इस गाने को बनाया।