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पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने अमित शाह को लिखा पत्र,


कोलकाता, । पश्चिम बंगाल से लोकसभा सांसद जगन्नाथ सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने हावड़ा में दमन के प्रसार को रोकने के लिए केंद्रीय बलों के हस्तक्षेप का अनुरोध करते हुए एनआइए से दंगों के मूल कारण की जांच करने की मांग की है।

राज्य सरकार पर साधा निशाना

जगन्नाथ सरकार ने अपने पत्र में राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंसा के लिए पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है। वह रामनवमी मनाने वाले लोगों के खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगा रही है।

पत्र में क्या लिखा है?

आदरणीय महोदय, 30 मार्च 2023 (गुरुवार) को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी की रैलियों के दौरान भड़के सांप्रदायिक दंगों के कारण स्थानीय लोगों को बहुत नुकसान हुआ है, उनके लिए मैं आपको यह पत्र भारी मन से लिख रहा हूं। स्थिति तेजी से नियंत्रण से बाहर हो रही है और स्थानीय पुलिस बल हिंसा को नियंत्रित करने में असमर्थ है।

हिंसा तब भड़की, जब रामनवमी का जुलूस काजीपारा इलाके से गुजर रहा था और उन पर पास की छत से पत्थर फेंके गए। इस साम्प्रदायिक दंगे के कारण पथराव हुआ। कई वाहनों में आग लगा दी गई और स्थानीय दुकानों में तोड़फोड़ की गई। वाहनों को घेर लिया गया। इलाके में दंगा नियंत्रण बल समेत भारी पुलिस बल को तैनात किया गया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

शुक्रवार की सुबह से शिवपुर में पथराव और आगजनी की ताजा घटनाओं की सूचना मिली, जिस सड़क पर घटना हुई थी, उसे कुछ ही घंटों बाद यातायात के लिए खोल दिया गया। अत: यह बहुत स्पष्ट है कि इस हिंसा के लिए पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है। वर्तमान में स्थिति बेकाबू हो गई है। सनातन संस्कृति में विश्वास करने वाले और रामनवमी मनाने वाले लोगों के खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाया जा रहा है।

इसके अलावा, उन्होंने 30 मार्च को रामनवमी के दिन विरोध प्रदर्शन की घोषणा की। एक नागरिक के रूप में, स्थानीय लोगों की मांग के अनुसार, मैं आपसे हस्तक्षेप करने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्रीय बलों को तैनात करने का आग्रह करता हूं। कानून और व्यवस्था को बहाल करने और मासूम परिवारों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए बल का प्रयोग आवश्यक हो सकता है।

इसके अलावा, मैं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से भी अनुरोध करता हूं कि वह दंगों के मूल कारणों का पता लगाए और उनके पीछे उकसाने वालों की पहचान करे। इन व्यक्तियों को न्याय के कठघरे में लाना और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को होने से रोकना महत्वपूर्ण है।

हाल की अशांति ने स्थानीय लोगों को अत्यधिक पीड़ा दी है और दैनिक जीवन को गंभीर रूप से अस्त-व्यस्त कर दिया है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम तेजी से कार्रवाई करें और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करें। मुझे आशा है कि आप गंभीर कार्रवाई करेंगे और हमारे साथी नागरिकों की सुरक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे। इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद।

क्या है पूरा मामला?

बता दें, हावड़ा के शिवपुर में रामनवमी जुलूस के दौरान गुरुवार शाम को मुस्लिम बहुत बस्ती में छतों से हुए पथराव के बाद हिंसा भड़क गई, जो शुक्रवार को भी जारी रही। आरोप है कि एक विशेष समुदाय के लोगों ने दोपहर में नमाज के बाद सड़क पर उतर आए और रिहायशी इलाकों में घुसकर घरों और दुकानों पर पथराव करने लगे।

इलाके में तनाव का माहौल

बताया जाता है कि पथराव से कई घरों की खिड़की के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए। हालात पर काबू पाने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की टीम को लगानी पड़ी। बेकाबू भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया।

लगातार दूसरे दिन हुई हिंसा को देखते हुए इलाके में भारी पुलिस बल को तैनात किया गया था। हिंसा के मद्देनजर इलाके में तनाव का माहौल है।

36 लोग गिरफ्तार

हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजमुदार को फोन कर हालात की जानकारी ली थी।