पटना

पहले पद सृजित होंगे फिर होगी नियुक्ति, प्रधान शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति को पदसृजन प्रक्रियाधीन


(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के 40,538 प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों एवं 6,300 उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति के लिए पद सृजित होंगे। पदसृजन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। पदसृजन के बाद अधियाचना आयोग को भेजी जायेगी। उसके बाद आयोग द्वारा परीक्षा ली जायेगी। परीक्षा के लिए शिक्षा विभाग के सहयोग से आयोग सिलेबस बनायेगा। परीक्षा एक सौ अंकों की होगी।

प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक का अलग संवर्ग होगा। यह संवर्ग जिला स्तर का होगा। प्रधान शिक्षक के सभी पद सीधी नियुक्ति से भरे जायेंगे। इसके लिए स्नातक एवं डीएलएड/ बीटी/ बीएएड/ बीएससीएड/ बीएलएड की योग्यता आवश्यक होगी। अनुभव के तहत राज्य सरकार के विद्यालय में पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत पंचायत प्रारंभिक शिक्षक/ नगर प्रारंभिक शिक्षक के मूल कोटि के पद पर न्यूनतम आठ वर्ष की लगातार सेवा तथा पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत स्नातक शिक्षक, जिनकी सेवा सम्पुष्ट होनी चाहिये। अनुभव की अवधि की गणना योगदान की तिथि अथवा प्रशिक्षण अर्हता प्राप्त करने की तिथि, जो बाद की तिथि हो, के आधार पर की जायेगी।

आयोग अथवा विभाग द्वारा संचालित लिखित परीक्षा के आधार पर की गयी अनुशंसा के आलोक में प्रधान शिक्षक के पद पर नियुक्ति की जायेगी। प्रधान शिक्षक के पद का वेतनादि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किये जायेंगे, जो समय-समय पर किये जाने वाले वेतन पुनरीक्षण के आलोक में परिवर्तनीय होंगे। प्रधान शिक्षक का पद बल वही होगा, जो सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जायेगा। राज्यकर्मियों के लिए लागू अन्य सेवाशर्त इन पर भी प्रभावी होगा।

दूसरी ओर शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक का संवर्ग होगा। यह संवर्ग प्रमंडल स्तर का होगा। प्रधानाध्यापक के सभी पद सीधी नियुक्ति से भरे जायेंगे। इसके लिए स्नातकोत्तर एवं बीएड की योग्यता आवश्यक होगी। अनुभव के तहत राज्य सरकार के विद्यालय में पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत माध्यमिक शिक्षक पद पर न्यूनतम 10 वर्ष की लगातार सेवा, सीबीएसई/ आईसीएसई/ बीएसईबी से स्थायी सम्बद्धता प्राप्त विद्यालय में माध्यमिक शिक्षक के पद पर न्यूनतम 12 वर्ष की लगातार सेवा, राज्य सरकार के विद्यालय में पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर न्यूनतम आठ वर्ष की लगातार सेवा तथा सीबीएसई/ आईसीएसई/ बीएसईबी से स्थायी सम्बद्धता प्राप्त विद्यालय में  उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर न्यूनतम 10 वर्ष की लगातार सेवा होनी चाहिये।

अनुभव की अवधि की गणना योगदान की तिथि अथवा प्रशिक्षण अर्हता प्राप्त करने की तिथि, जो बाद की तिथि हो, के आधार पर की जायेगी। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा लिखित परीक्षा के आधार पर प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति की जायेगी। प्रधानाध्यापक की अन्य सेवा शर्तें राज्य सरकार के कर्मियों के समान ही होगी।