पटना

राहत शिविरों में करायें कोरोना जांच : नीतीश


सीएम ने जाना बरारी और रुपौली के बाढ़ पीडि़तों का हाल, पूछा- खाना सही मिल रहा है न, हरसंभव करेंगे मदद, बाढ़ राहत शिविरों में न हो कठिनाई

(आज समाचार सेवा)

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि राहत शिविरों में रहने वालों का कोरोना जांच करायें। अगर किसी ने वैक्सीन नहीं लिया है तथा उन्हें टीका दिलवायें। हम यह दावा नहीं कर सकते कि बाढ़ दुबारा नहीं आयेगी, हां हम इस समस्या के निदान में लगे हैं। मुख्यमंत्री बुधवार को कटिहार और पूर्णिया के बाढग़्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

मुख्यमंत्री कटिहार जिला के बरारी प्रखंड स्थित भगवती मंदिर महावद्यालय लक्ष्मीपुर में बाढ़ राहत शिविर का जायजा लेने के क्रम में बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत की। बाढ़ राहत शिविर में बाढ़ राहत चिकित्सा शिविर, बाढ़ प्रभावित गर्भवती महिलाओं का आश्रय स्थल, आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रभावित परिवारों के बच्चवों को पढऩे की सुविधा, कोरोना जां, वैक्सीनेशन की व्यवस्था, नि:शुल्क दवा वितरण केंद्र, पशु आश्रय स्थल एवं सामुदायिक रसोई का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों से सामुदायिक रसोई में मिलने वालले भोजन की गुणवत्ता के बारे पूरी जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि बाढ़ राहत शिविरो में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना जांच करायें। कोरोना संक्रमित पाये जाने पर उन्हें आइसोलेशन में रखें। बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों को कोई कठिनाई न हो, इसका विशेष ध्यान रखें। निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बारढ़ प्रभावित क्षेत्रों का एरियल सर्वे के बाद जमीन पर जाकर प्रभावित लोगों के लिए चलाये जा रहे राहत एवं बचाव कार्य का जायजा ले रहे हैं। गंगा नदी के जलस्तर में वृद्घि के कारण कटिहार का क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है। वर्ष २०१६ में भी गंगा का जलस्तर बढऩे से काफी क्षेत्र प्रभावित हुआ था। इस बार जलस्तर वर्ष २०१६ से थोड़ा कम है, लेकिन क्षेत्र कम प्रभावित नहीं हुआ है।

उन्होने कहा कि वर्ष २०१६ में भी हम यहां आये थे। कटिहार में लोगों को भोजन देने के साथ-साथ उनके अलग से रहने की व्यवस्था की जा रही है। सभी लोगों को हर प्रकार से राहत देलना है। प्रभावित परिवारों  को सभी प्रकार से मदद दी जा रही है। छह हजार रुपये प्रति परिवार दिये जाते हैं। साथ ही खेती में जो नुकसान हुआ है, उसका भी हमलोग आकलन कर मदद करते हैं। अभी लोगों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ उनकी मदद की जा रही है। लोगों को कोरोना जांच एवं वैक्सीनेशन कराने का काम किया जा रहा है। सभी राहत शिविरों में यह काम किया जा रहा है। अगर महिला गर्भवती है तो उसका भी ख्याल रखा जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नदियों के जलस्तर का डेली रिपोर्ट लेते हैं। कितना जलस्तर बढ़ा, कितना क्षेत्र प्रभावित हुआ, कितनी आबादी प्रभावित हुई इन सब चीजों की जानकारी ली जाती है। इसके बावजूद देखने से मुझे संतोष होता है। लोगों से बातचीत करते हैं, उनकी बातों को सुनते हैं और व्यवस्थाओं की जानकारी लेते हैं। उनकी स्थिति को देखकर जो भी सहायता की जरूरत होती है, उस पर त्वरित काम किया जाता है। कोई ऐसा वर्ष नहीं है। जब हम कटिहार नहीं आये हों, हम हमेशा कटिहार आते हैं। उन्होंने कहा कि हमलोग पूरी कोशिश करते हैं कि समस्याओं का समाधान हो। बाढ़ ऐसी चीज है जिसके बारे में आप दावा नहीं कर सकते कि आप हर चीज सुरक्षित कर लेंगे। जल संसाधन विभाग से लगातार हम इसकी समीक्षा करते रहते हैं। स्थायी रुप से जिन इलाकों का समाधान हो सकता है उसके लिए भी हम काम कर रहे हैं।

इधर पूर्णिया में रनुपौली प्रखंड के बुनियादी उच्च विद्यालय सपहा में बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण करने के बाद बताया कि यहां का जो इलाका प्रभावित है उसका एरियल सर्वे कर हमने देख लिया और यहां आकर लोगों से बातचीत कर राहत कार्यों की जानकारी ली। सभी प्रभावित लोगों को राहत देने के सभी इंतजाम किये जा रहे हैं। यहां भोजन के इंतजाम के साथ-साथ रहने की व्यवस्था भी की गयी है। जो भी पीडि़त परिवार है उनको अलग से हमलोग राहत देते हैं। बाढ़ के चलते जो कृषि में क्षति होती है उनको भी राहत दिया जाता है। इसका पूरी तरह से आकलन किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग एक-एक को देख रहा है।

मुख्यमंत्री के साथ दौरा में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह, विधायक बीमा भारती, विधायक विजय सिंह, विधान पार्षद अशोक अग्रवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, जल संसाधन सचिव संजीव हंस, आपदा प्रबंधन के विशेष कार्य पदाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल, प्रमंडलीय आयुक्त प्रेम सिंह मीणा आइजी पूर्णिय प्रक्षेत्र सुरेश प्रसाद चौधरी, पूर्णिया में डीएम राहुल कुमार, एसपी दश्याशंकर जबकि कटिहार में डीएम उदयन मिश्रा, एसपी विकास कुमार समेत कई अन्य मौजूद थे।

बरारी (कटिहार)(आससे) के अनुसार बरारी प्रखंड के भगवती मंदिर महाविद्यालय परिसर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुँचे और सामुदायिक किचन का जायजा लिया। साथ ही बाढ़ पीडि़त परिवारों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री  ने कहा कि सरकार के पास खाजाना भरा हुआ है। बाढ़ पीडि़त परिवारों को दिक्कतों का सामना करना नही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित इलाकों में राहत कार्य शिविर लगाया जायेगा। साथ ही मिनी अस्पताल शिविर लगाया जायेगा। मौके पर उपस्थित सभी विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि बाढ पीडि़त परिवारों को किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना करना नही पड़े और बाढ़ पीडि़त परिवारों को हिम्मत देते हुए कहा कि संकट की घड़ी में परेशान होने की जरूरत नहीं है। सरकार हर तरह से सहायता देने के लिए तैयार है।

दर्जनों की संख्या में बाढ़ पीडि़त परिवारों ने कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात कर समस्याओं को लेकर आवेदन देने के लिए तैयार थे परन्तु मुख्यमंत्री नही मिले जिसके कारण पीडि़त परिवारों को बीच आक्रोश भी देखा गया।  कई पीडि़त परिवारों ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बरारी प्रखंड के मोहना चांदपुर, कान्तनगर, बैशागोविन्दपुर, बकिया सुखाय, दुर्गापुर, सुखासन, लक्ष्मीपुर, पश्चिमी बारीनगर और पूर्वी बारीनगर सहित कई पचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है और मुख्यमंत्री जी को वहा आना चाहिए था परन्तु नही आये।

मौके पर उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, कटिहार के जिलाधिकारी उदयन मिश्रा, आरक्षी अधीक्षक विकास कुमार, एमएलसी अशोक अग्रवाल, विधायक विजय सिंह, भाजपा  नेत्री बबीता कश्यप, जदयू के प्रखंड अध्यक्ष मनोज सिंह कुशवाहा, सूर्यदेव मंडल, चन्द्र मोहन सिंह, लोक स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक अभियंता मोहम्मद नवी हसन, बरारी थाना अध्यक्ष राजेश कुमार एवं बरारी के बीडीओ और सीओ बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार आदि उपस्थित थे।

रूपौली (पूर्णिया)(आससे) के मुताबिक सूबे के मुखिया नीतीश कुमार बाढ़ पीडि़तों का दर्द जानने प्रखंड क्षेत्र के धूसर टीकापट्टी पंचायत के तेल्डीहा गांव बुधवार की दोपहर करीब 2.15 बजे पहुँचे। मुख्यमंत्री हेलीपैड से सीधे मध्य विद्यालय तेलडीहा परिसर पहुंच बाढ़ पीडि़तों के लिए संचालित सामुदायिक कीचेन में भोजन ग्रहण कर रहे प्रभावित लोगों से मिल हालचाल जाना। प्रशासन ने तेल्डीहा गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर रखा था। मुख्यमंत्री के सुरक्षा के लिए ऐसी व्यवस्था की गई थी कि मुख्य राज्य उच्च पथ 65 को घंटों से बंद कर रखा गया था जिससे परिंदा भी पर न मार सके।

वहीं विद्यालय परिसर में ही स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग की ओर से लगाये गये स्टॉल का निरीक्षण करते हुए दवाई, कोविड-19 के टीकाकरण आदि के विषय में भी पूछताछ कर जानकारी ली। जबकि बाढ़ प्रभावित पंचायत के मुखिया में कोयली सिमरा पश्चिम पंचायत की मुखिया सुनीता देवी, गोरियर पट्टी श्रीमाता के मुखिया अमीन रविदास, धूसर टीकापट्टी पंचायत के मुखिया शांति देवी आदि ने आमजन की जानमाल की सुरक्षा को लेकर पंचायतों में बाढ़ राहत शिविर चलाने के साथ-साथ फसल क्षति के मुआवजे देने का मांग पत्र का ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा।

मध्य विद्यालय तेलडीहा पहुंचे सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ पीडि़तों के राहत के लिए जो काम हो रहा है उसकी जानकारी लेने पहुंचा हूँ । हर पीडि़त परिवार को राहत देने को लेकर गाइडलाइन जारी कर दिया गया है। फिलहाल अभी भोजन का व्यवस्था किया गया है। अगर बाढ़ पीडि़तों को रहने में परेशानी हो रही है तो उन्हें विश्राम स्थल की व्यवस्था सुदृढ़ की जाएगी। इसके अलावा जो पीडि़त परिवार हैं सब को अलग से राहत दिया जायेगा। हर तरह की राहत के लिए जिलाधिकारी पूर्णियाँ की देखरेख में कार्य किया जा रहा है। बाढ़ विभीषिका की जानकारी मिलते ही हमलोग यहाँ पहुंचे है। हर पीडि़त परिवार को उपयुक्त सहायता मिलेगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सूबे के उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद भी बाढ़ पीडि़तों की सुधि लेने तेल्डीहा पहुंचे थे। जबकि मुख्यमंत्री के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र दौरा कार्यक्रम में धमदाहा विधायक सह् खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंंत्री बिहार सरकार श्रीमती लेशी सिंह, रूपौली विधायक बीमा भारती, जदयू जिलाध्यक्ष श्री प्रसाद महतो, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव, प्रखंड प्रमुख रेखा देवी, सहित जिला के तमाम आलाधिकारी उपस्थित रहे।