कराची, । पाकिस्तान में बिजली संकट चरम पर है। बिजली संकट के कारण कुछ स्थानों पर तो 16 घंटे तक की बिजली कटौती हो रही है। पाकिस्तान में बिजली दरों के मुद्दों के समाधान की मांग करते हुए, जमात-ए-इस्लामी राजनीतिक दल ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक ‘हक दो कराची को’ रैली आयोजित करने की घोषणा की है। स्थानीय मीडिया ने इस रैली के बारे में जानकारी दी है।
रैली शाम 4 बजे कराची के शाहरा-ए-कायदा में आयोजित किया जाएगा। मार्च की घोषणा जमात-ए-इस्लामी (कराची) के प्रमुख हाफिज नईम-उर-रहमान ने की है। विरोध प्रदर्शन में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और युवा सभी आयु के लोग शामिल होंगे।
24 जुलाई से जमात-ए-इस्लामी का ‘हक दो कराची को’ आंदोलन नए दौर में प्रवेश करेगा। जेआई प्रमुख ने कहा कि वे के-इलेक्ट्रिक द्वारा बिजली बिलों में 6,000 मासिक बिक्री कर की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि वे व्यापारिक समुदाय के साथ हैं और जल्द ही उनके साथ मिलकर भविष्य की कार्रवाई की घोषणा करेंगे।
इससे पहले रैली में हाफिज नईम ने कहा था कि ईद के बाद जेआई मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना देंगे।
जमात-ए-इस्लामी प्रमुख ने कहा था कि ‘हक दो कराची को’ रैली ग्रामीण और शहरी सामंतों के खिलाफ कराची के लोगों के वैध और कानूनी अधिकारों के लिए एक आंदोलन है। ‘हक दो कराची’ रैली की मांगों में सरकार से कराची को उसका उचित अधिकार देना, स्थानीय युवाओं को रोजगार देना, स्थानीय निकाय चुनाव कराना, बिजली के मुद्दों का समाधान, शहर सरकार का सशक्तिकरण, उचित परिवहन व्यवस्था, जनसंख्या गणना और सड़कों का निर्माण शामिल है।
इस बीच, भारी बारिश के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो रखा है। लगातार बारिश के कारण कराची के अधिकांश क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति कई घंटों के लिए निलंबित कर दी गई है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक बारिश का पानी मुख्य सड़कों और गलियों पर जमा हो गया है और इससे यातायात बाधित हो गया है।रिपोर्ट में कहा गया है कि ल्यारी के लियाकताबाद और बिहार कॉलोनी के इलाकों में बारिश का पानी कई घरों में घुस गया है।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक बारिश का पानी मुख्य सड़कों और गलियों पर जमा हो गया है और जिससे यातायात बाधित हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ल्यारी के लियाकताबाद और बिहार कॉलोनी के इलाकों में बारिश का पानी कई घरों में घुस गया है।
अधिकारियों ने कहा कि हो रही भारी बारिश ने 24 बच्चों सहित 62 लोगों की जान ले ली और बलूचिस्तान में सैकड़ों लोग प्रभावित हुए। सूबे में विभिन्न हादसों में करीब 48 लोग घायल हो गए, जबकि 670 से ज्यादा घर ढह गए।