Latest News नयी दिल्ली राष्ट्रीय

‘पड़ोसी देशों में बढ़ रहे आतंकवाद की बारीकी से कर रहे निगरानी’, बोले BSF के DG


  1. सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने बताया कि वह पड़ोसी देशों के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं. साथ ही उसने अपने बलों की क्षमता पर भरोसा जताया है. बीएसएफ के महानिरीक्षक एनएस जामवाल (BSF Inspector General NS Jamwal) ने कहा कि बीएसएफ जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में लगातार सतर्कता बरत रही है. हमें अपनी क्षमताओं पर दृढ़ विश्वास है और किसी भी अप्रिय गतिविधि के लिए कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं.

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के घटनाक्रम से उत्पन्न सुरक्षा तनाव के बारे में बात करते हुए, बीएसएफ अधिकारी ने कहा, “सीमावर्ती इलाकों में खतरा था और अभी भी है और हम सीमावर्ती इलाकों में स्थिति की निगरानी करना जारी रखेंगे. इस महीने की शुरुआत में तालिबान द्वारा युद्ध से तबाह देश पर कब्जा करने के बाद से अफगानिस्तान में स्थिति बिगड़ती जा रही है. 15 अगस्त को राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के तुरंत बाद अफगान सरकार गिर गई, जिसके बाद यहां नई सरकार का गठन हो गया.

इस्लामिक अमीरात में हक्कानी नेटवर्क शामिल

अफगानिस्तान (Afghanistan) के कार्यवाहक ‘इस्लामिक अमीरात’ (Islamic Emirate) में हक्कानी नेटवर्क (Haqqani network) को शामिल किया गया है. इस तरह तालिबान (Taliaban) के उन वादों की पोल खुल गई है जिसमें कहा गया कि वह जिहादियों को सुरक्षित पनाह नहीं देगा और कट्टर विचारों को रोकेगा. तालिबान का डिप्टी लीडर और अफगानिस्तान का नया गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) है. सिराजुद्दीन हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख है और अमेरिका स्थित विशेषज्ञ नेटवर्क को एक आपराधिक कंपनी कहते हैं.

हक्कानी नेटवर्क के साथ हैं पाकिस्तान के रिश्ते

दरअसल, साल 2018 में जब अमेरिका ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी को लेकर बातचीत शुरू की तो हक्कानी नेटवर्क के नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया गया. सिराजुद्दीन के छोटे भाई अनस हक्कानी (Anas Haqqani) को कतर में तालिबान के वार्ता समूह में शामिल होने के लिए एक कैदी अदला-बदली समझौते के हिस्से के रूप में जेल से रिहा किया गया था. न्यू अमेरिका थिंक-टैंक के कोस्किनस पाकिस्तान की भूमिका की ओर इशारा करते हैं, जिसने सालों से तालिबान को शरण दी और हक्कानी पर प्रभाव डाला है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान निश्चित रूप से हक्कानी नेटवर्क का फायदा उठाएगा.