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पीएम नरेन्‍द्र मोदी के संबोधन ने श्‍योपुर की महिलाओं का जीत लिया दिल, आंखों से छलक पड़े आंसू


भोपाल, । चीता युग की शुरुआत के अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narender Modi) की कुनो यात्रा (Kuno Yatra), उन महिलाओं के लिए भी यादगार बन गई, जो कराहल में स्वयं सहायता समूहों के सम्मेलन में शामिल थीं या लाइव के माध्यम से सम्मेलन से जुड़ पायी।

महिलाओं के कल्याण के लिए योजनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज (17 सितंबर) मुझे अपनी मां के साथ रहना था, वह मुझे प्यार से आशीर्वाद देतीं, लेकिन आज वो ये देखकर बहुत प्रसन्‍न हो रही होंगी कि मुझे पूरे मध्‍य प्रदेश की मां, बहन और बेटियां अपना आशीर्वाद दे रही हैं।

सियासी गलियारों में मोदी का संबोधन चर्चा में है और इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल, 2018 के विस चुनाव में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भाजपा को निराशा हाथ लगी थी, जबकि पूर्व में हुए निकाय चुनाव का कोई खास नतीजा नहीं निकला यानी नाराजगी दूर न होने के संकेत साफ नजर आ रहे हैं।

भावुक हो गई महिलाएं, आंखों से छलके आंसू

ऐसा कहा जा रहा है कि 2018 में एट्रोसिटी एक्ट को लेकर प्रदर्शन के बाद थानों में गिरफ्तारी व केस दर्ज होने को लेकर आक्रोश था। ऐसे में 2023 तक की राह मुश्किल हो सकती है। प्रधानमंत्री का अभिभाषण सुनकर भावुक हो गईं कई महिलाओं ने भाजपा की चिंता कम की है।

मोदी के जाने के बाद कई महिलाओं की आंखों से आंसू छलक पड़े, यह पूछे जाने पर कि मोदी जी ने हमारे लिए कितना कुछ किया है, वे हमारी कितनी परवाह करते हैं, उन्हें देखने और सुनने से उनका आत्मीयता बढ़ गयी।

यद्यपि मोदी का भाषण उनके जन्मदिन पर एक भावनात्मक संबंध जोड़ने पर आधारित था, एक राजनीतिक दृष्टिकोण से परे, राजनीतिक गुणन जिस तरह से महिलाओं ने सुना और पूरे भाषण में भावुक हो गया, उसका सियासी गणित जारी है।

 शत-प्रतिशत पूरी होती है महिलाओं को दी जिम्मेदारी

पीएम का संबोधन महिलाओं के जीवन में बदलाव के साथ-साथ उनके सशक्तिकरण का एक संक्षिप्त विवरण था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उज्ज्वला योजना (Ujjwala Yojna) ने करोड़ों महिलाओं को चूल्हे के धुएं से मुक्ति दिलाई, वहीं समूह स्वयं सहायता समूहों ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया।

संपत्ति पर पुरुषों का अधिकार हुआ करता था, जबकि महिलाओं को यह सम्मान और स्वाभिमान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर किसी महिला को कोई जिम्मेदारी सौंपी जाती है, तो उसके पूरा होने की शत-प्रतिशत गारंटी है, इसलिए मैं बहन-बेटियों को देश के विकास में मुख्य भागीदार बना रहा हूं।

चीते के बारे में भी प्रधानमंत्री ने कहा कि श्योपुर में विदेश से लाए गए चीतों की रक्षा की जिम्मेदारी बहनों की भी है। इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।