बैठक के आखिरी दौर में ओपन हाउस सत्र रखा गया, जिसमें सरकार के कामकाज को बेहतर बनाने के मुद्दें पर कई मंत्रियों ने भी अपने सुझावों को प्रधानमंत्री के सामने रखा।
दरअसल, सत्ता में आने के बाद से ही प्रधानमंत्री कैबिनेट की बैठक के अलावा नियमित अंतराल पर इस तरह से मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाते रहते हैं। कैबिनेट की बैठकों में सिर्फ कैबिनेट मंत्री ही शामिल होते हैं अगर किसी मंत्री के मंत्रालय से जुड़ा कोई मामला बैठक के एजेंडे में शामिल होता है तभी उन्हें बुलाया जाता है। लेकिन मंत्रिपरिषद की बैठक में तीनों स्तरों के मंत्री (कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री-स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री शामिल होते हैं)।
सामान्य भाषा में इसे चिंतन शिविर का नाम दिया गया है, जिसमें जूनियर एवं नए मंत्री वरिष्ठ पुराने मंत्रियों से कामकाज का स्टाइल सीखते हैं उन्हें प्रधानमंत्री का भी मार्गदर्शन मिलता है।