रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत की जमकर तारीफ की है। लावरोव ने भारत को उभरते हुए बहुध्रुवीय विश्व में सबसे महत्वपूर्ण ध्रुव करार दिया है। रूसी विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की ओर से आयोजित होने जा रहे आतंकवाद निरोधक कार्यक्रम से ठीक पहले यह बड़ा बयान दिया है। यही नहीं रूस ने भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दावेदारी का फिर से खुलकर समर्थन किया। रूसी विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पीएम मोदी ने हर साल दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच होने वाले शिखर सम्मेलन से किनारा कर लिया है। लावरोव ने कहा, ‘भारत आर्थिक विकास के लिहाज से दुनिया के प्रमुख देशों में शामिल है। संभवत: नेतृत्व कर रहा है।’ उन्होंने कहा कि भारत के पास व्यापक पैमाने पर विभिन्न तरीके की समस्याओं को सुलझाने का अनुभव है। लावरोव ने कहा कि भारत दक्षिण एशिया में शंघाई सहयोग संगठन के अंदर विभिन्न तरह के ढांचे में शामिल है और वह संयुक्त राष्ट्र में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। उन्होंने भारत के सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया। लावरोव ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि आर्थिक विकास के मामले में भारत दुनिया में प्रमुख देशों में शामिल है। संभवत: अगुवा भी है। भारत की जनसंख्या जल्द ही दुनिया में सबसे ज्यादा हो जाएगी।’ इससे पहले इसी महीने भारत ने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता को संभाला था। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने रूस जाकर शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने से किनारा कर लिया था। वह भी तब जब रूसी राष्ट्रपति लगातार यूक्रेन को परमाणु हमले की धमकी दे रहे हैं। रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि भारत और रूस के बीच रिश्ते बहुत मजबूत हैं लेकिन इस समय दोस्ती का ढिंढोरा पीटना पीएम मोदी के लिए लाभदायक नहीं होगा। यही वजह है कि साल 2000 के बाद ऐसा दूसरी बार होगा जब भारत और रूस दोनों के नेता मुलाकात नहीं करेंगे। वह भी तब जब भारत और रूस दोनों के बीच रणनीतिक रिश्ते बहुत मजबूत हैं। पुतिन और मोदी के बीच यह शिखर सम्मेलन आमतौर पर दिसंबर में होता है। इसे साल 2020 में कोरोना के कारण रद्द किया गया था। रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा, ‘यह शिखर सम्मेलन इस साल नहीं होने जा रहा है।’