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पुणे में रेमडेसिविर की किल्लत, कलेक्टर ऑफिस पर धरने पर बैठे कोरोना मरीजों के परिजन


पुणे,  कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र के पुणे में गुरुवार को रेमडेसिविर ना मिलने पर कोरोना मरीजों के परिजन कलेक्टर दफ्तर पर धरने पर बैठ गए हैं। पुणे कलेक्टर ऑफिस पर पहुंचे कोरोना मरीजों के परिजनों का कहना है कि डॉक्टर लगातार रेमडेसिविर लिख रहे हैं लेकिन पूरे शहर में कहीं भी ये इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। ऐसे में दवा उपलब्ध कराए जाने की मांग को लेकर यहां आए हैं।

पुणे कलेक्टर ऑफिस पर धरना दे रही एक महिला ने कहा कि उनके पिता छह दिन से अस्पताल में हैं और आईसीयू में भर्ती हैं। वो ना सिर्फ पुणे बल्कि आसपास के शहरों में भी रेमडेसिविर तलाश चुकी हैं लेकिन दवाएं नहीं मिल रही हैं। ऐसे में हम यहां आए हैं। एडिशनल कलेक्टर विजय सिंह देशमुख ने बताया है कि रेमिडेसिविर की मांग को देखते हुए कंपनियों से बात की गई है। अगले 4-5 दिन में हालात सुधर जाएंगे।

महाराष्ट्र के नासिक में ऑक्सीजन की भी कमी का सामना करना पड़ रहा है। उमा हॉस्पिटल के डॉ योगेश मोरे का कहना है कि हमें हर रोज 50 सिलेंडरों की जरूरत है लेकिन 30 सिलेंडर मिल रहे हैं। ऐसे में काफी दिक्कत हमें हो रही है। बता दें कि महाराष्ट्र देश का सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्य है।

रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले आ रहे सामने

कोरोना के मामले बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर के निर्यात पर रविवार को रोक लगा दी है। वहीं पुणे की बात की जाए तो यहां रेमडेसिविर इंजेक्शन की सुगम आपूर्ति के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिन लोगों को इस इंजेक्शन की जरूरत हो वे 020-26123371 पर या टोल फ्री नंबर 1077 पर कॉल कर सकते है। इस सबके बावजूद इस दवा की भारी किल्लत है। बता दें कि कोरोना संक्रमण होने पर रेमेडिसविर दवा को कुछ हद तक इसका असर कम करने में प्रभावी माना जाता है।

देश में बहुत तेजी से फैल रहा कोरोना

देश में कोरोना वायरस इन दिनों काफी तेजी से फैल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को आंकड़े जारी करते हुए बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस के 2,00,739 नए केस सामने आए हैं और 1,038 लोगों की जान कोरोना वायरस की वजह से गई है। कोरोना के रिकॉर्डतोड़ मामलों के साथ ही कई तरह के मैसेज लगातार फैल रहे हैं। ऐसे में आपको कोई ऐसा मैसेज मिलती है तो बिना जांच पड़ताल के उस पर यकीन ना करें।