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पूर्वी यूक्रेन पर रूसी सेना के हमलों की मार, लाखों बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हैं घरों में फंसे


कीव, । यूक्रेन में इस समय रूसी सेना के हमलों के केंद्र में देश का पूर्वी भाग है। यहां के डोनेस्क, लुहांस्क, खार्कीव और मारीपोल इलाकों में रूसी सेना पूरी ताकत से हमले कर रही है। यूक्रेन की सेना भी ताकत भर जवाब देने में लगी है लेकिन उसके पास हथियारों की कमी मुकाबले में आड़े आ रही है। इसी के चलते यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की दुनिया भर से हथियारों की मांग कर रहे हैं, साथ ही रूस से युद्ध रोककर वार्ता करने की अपील कर रहे हैं। लेकिन रूस ने हमले रोकने से इन्कार कर दिया है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि यूक्रेन के साथ चल रही वार्ता की प्रगति की वह गति नहीं है जैसा कि रूस चाहता है। इसलिए यूक्रेन में अभियान रोकने की कोई योजना नहीं है।

डेढ़ महीने से ज्यादा की लड़ाई में रूसी सेना भले ही यूक्रेन के किसी भी बड़े शहर पर कब्जा कर पाने में विफल रही हो लेकिन उसने मारीपोल, खार्कीव, चार्निहीव जैसे प्रमुख शहरों को काफी हद तक बर्बाद कर दिया है। इन शहरों को पूर्व की स्थिति में आने में दशकों लग सकते हैं। बर्बाद हुए शहरों में लाखों बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं फंसे हुए हैं। रूस ने कहा है कि रविवार को उसकी कैलिबर मिसाइलों ने डेनिप्रो के सैन्य अड्डे के हैंगर में रखे चार एस-300 एयर डिफेंस सिस्टमों को निशाना बनाया। इस हमले में 25 यूक्रेनी सैनिक भी मारे गए। जिन एयर डिफेंस सिस्टमों को निशाना बनाया गया है, वे मूल रूप से रूस द्वारा बनाए गए थे और उन्हें यूरोपीय देशों ने यूक्रेन को दिया था। इस बीच स्लोवाकिया ने कहा है कि उसने एक एयर डिफेंस सिस्टम यूक्रेन को दिया है और वह नष्ट नहीं हुआ है। सोवियत संघ और वारसा संधि में शामिल रहे कई देश ऐसे हैं जो अब नाटो में शामिल हो गए हैं और रूसी सेना से लड़ने में यूक्रेन को मदद दे रहे हैं। रूस ने हाल ही में यूक्रेनी वायुसेना के दो सुखोई-25 लड़ाकू विमान इजियम शहर के नजदीक मार गिराए हैं और दो आयुध भंडार भी नष्ट किए हैं।