News TOP STORIES नयी दिल्ली राष्ट्रीय

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह कोविड पॉजिटिव, हल्के बुखार की शिकायत के साथ एम्स में भर्ती


नई दिल्लीः पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। हल्के बुखार की शिकायत के साथ एम्स में भर्ती कराया गया है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं और उन्हें सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि सिंह को हल्का बुखार है और जांच में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।

फिलहाल वह चिकित्सकों की निगरानी में हैं। पिछले साल नयी दवा के कारण रिएक्शन और बुखार होने के बाद 87 वर्षीय सिंह को एम्स में भर्ती कराया गया था। कई दिनों के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी। सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और फिलहाल राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं। वह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। साल 2009 में उनकी एम्स में ही कोरोनरी बाईपास सर्जरी हुई थी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि केवल कुल संख्या को नहीं देखना चाहिए बल्कि कितने प्रतिशत आबादी को टीका लग चुका है, इसे देखा जाना चाहिए। उन्होंने ये सुझाव भी दिये कि दवा निर्माताओं के लिए अनिवार्य लाइसेंसिंग के प्रावधान लागू किये जाने चाहिए और राज्यों को टीकाकरण के लिए अग्रिम मोर्चे के लोगों की श्रेणी तय करने में छूट देनी चाहिए ताकि 45 साल से कम उम्र के ऐसे लोगों को भी टीके लग सकें।

सिंह ने अपने पत्र में लिखा, ”कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में टीकाकरण बढ़ाने के प्रयास अहम होने चाहिए। हमें यह देखने में दिलचस्पी नहीं रखनी चाहिए कि कितने लोगों को टीका लग चुका है, बल्कि आबादी के कितने प्रतिशत का टीकाकरण हो चुका है, यह महत्वपूर्ण है।” पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में अभी केवल आबादी के छोटे से हिस्से का ही टीकाकरण हुआ है। उन्होंने विश्वास जताया कि सही नीति के साथ हम इस दिशा में बेहतर तरीके से और बहुत तेजी से बढ़ सकते हैं।

उन्होंने कहा, ”हमें महामारी से लड़ने के लिए बहुत सी चीजें करनी होंगी, लेकिन इस प्रयास का बड़ा हिस्सा टीकाकरण कार्यक्रम को मजबूत करने का होना चाहिए।” सिंह ने अपने पत्र में अनेक सुझाव दिये। उन्होंने कहा कि राज्यों को टीकाकरण के लिए अग्रिम पंक्ति के कर्मियों की श्रेणी तय करने में कुछ ढील मिलनी चाहिए, जिससे वे 45 साल से कम उम्र के लोगों को भी टीकाकरण का पात्र बना सकें। इस समय देश में 45 साल से अधिक उम्र के लोग ही टीका लगवाने के लिए पात्र हैं।