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पेट्रोल-डीजलके बाद प्याजकी कीमतों ने बिगाड़ा बजट


नयी दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों से परेशान आम आदमी को अब प्याज भी रुलाने लगा है। देश की राजधानी दिल्ली और आस-पास के इलाकों के थोक बाजार में प्याज का भाव 50 रुपए के करीब चल रहा है। वहीं, इसकी खुदरा कीमत 65 से 75 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है। बता दें पिछले डेढ़ महीने में प्याज का भाव दोगुना हो गया है। वहीं, सबसे बड़ी मंडी लासलगांव में ही प्याज का भाव दो दिन में 1000 रुपए प्रति क्विंटल महंगा हो गया है।

मीडिया खबरों के मुताबिक लासलगांव मंडी में प्याज का औसत थोक भाव पिछले 2 दिनों में 970 रुपए प्रति क्विंटल बढ़कर 4200-4500 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गया। नासिक के लासलगांव से देश भर में प्याज भेजा जाता है। कुछ समय पहले महाराष्ट्र में बेमौसम बरसात होने और ओले पडऩे की वजह से प्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ है। इससे थोक मंडी में प्याज की आवक कम हो गई। प्याज महंगा होने की यही सबसे अहम वजह बताई जा रही है। शनिवार को लासलगांव में प्याज का औसत भाव 4250-4,551 प्रति क्विंटल के करीब था। खरीफ वैरायटी के प्याज के लिए इसका भाव 3,870 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था। एक व्यापरी के मुताबिक बारिश के चलते प्याज की कीमत में इजाफा हुआ है। 20 फरवरी को लासलगांव मंडी में प्याज के भाव 3,500-4,500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा था। आने वाले दिनों में प्याज के और महंगा होने की आशंका है। कई व्यापारियों ने बताया कि खरीफ फसलों की आपूर्ति में कमी आई है। प्याज के दाम ऐसे समय में बढ़ रहे हैं जब देशभर में नए कृषि कानून को लेकर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इन नए कृषि कानूनों में आवश्यक वस्तु अधिनियम को संसद में संशोधित किया गया था। पिछले साल आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के दायरे से आलू, प्याज, दाल-चावल, खाद्य तेल-तिलहन जैसी वस्तुओं को हटा दिया गया है यानी अब इन वस्तुओं के भंडारण की सीमा हट गई है। अब इन वस्तुओं का ज्यादा भंडारण करने पर जेल नहीं होगी। कंपनियां या कोई व्यापारी इन वस्तुओं को किसी भी सीमा तक जमा करने को स्वतंत्र होंगे।