अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल के सहयोगी और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यकारी सदस्य दयाल सिंह कोलियांवाली (Dyal Singh Kolianwali) का सोमवार सुबह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) में निधन हो गया. कोलियांवाली पिछले दो सालों से कैंसर से जूझ रहे थे.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि 68 वर्षीय नेता दयाल सिंह कोलियांवाली पेट के कैंसर से जूझ रहे थे और इसके चलते उन्हें पिछले हफ्ते मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि कोलियांवाली का अंतिम संस्कार सोमवार शाम को किया जाएगा. तीन बार के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य कोलियांवाली अपने राजनीतिक करियर के दौरान कई बार विवादों हिस्सा बने.
कोलियांवाली को राज्य स्टेट वीजिलेंस ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति मामले में दिसंबर 2018 में गिरफ्तार किया था और फरवरी 2019 में उनको इस मामले में जमानत मिली थी. इतना ही नहीं कोलियांवाली और उनके बेटे का नाम एक हत्या मामले में भी उछला था, हालांकि कोर्ट ने इस मामले में उन्हें बरी कर दिया था.
कोलियांवाली ने मलोट खेतीबाड़ी विकास बैंक से एक करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, हालांकि कर्ज न चुकाने की वजह से वो सुर्खियों का हिस्सा बन गए थे. कोलियांवाली का नाम तब भी उछला था जब उन्होंने पावरकॉम का हजारों का बिल नहीं चुकाया था.
2012 के विधानसभा चुनावों के दौरान उनके घर से संदिग्ध पदार्थ के 15 पैकेट बरामद किए गए थे. हालांकि बाद में उन्हें इस मामले में भी जमानत मिल गई थी. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अपने मूल कोलियांवाली गांव के सरपंच के तौर पर की थी.